अवैध प्लाटिंग की कार्यवाही से बड़े भू – माफिया व अवैध प्लाटिंग में सहयोग करने वाले हल्का पटवारियों पर कार्यवाही नहीं कारण ??

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
R.O. No. 13098/21
Screenshot 2023 03 21 13 31 41 26 6012fa4d4ddec268fc5c7112cbb265e7

रायगढ़ – जिले वासिओं की माने तो तत्कालीन कलेक्टर अमित कटारिया की पदस्थापना के लगभग एक दशक बाद रायगढ़ जिले को उनके जैसा कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा मिला है। वर्तमान कलेक्टर की कार्यशैली ठीक उनके ही समान है। अपने पदस्थापना के बाद से ही यह स्पष्ट कर दिया था,कि जिले और शहर के सर्वांगीण विकास के लिए प्रशासन को ज्यादा जिम्मेदार और सक्रिय होना पड़ेगा। इसके साथ ही सभी तरह अवैधानिक कृत्यों पर भी लगाम कसना होगा।

R.O. No. 13098/21
R.O. No. 13098/21

इस क्रम में कलेक्टर सिन्हा ने शहर की व्यवस्था बिगाड़ने वाले जमीन माफियाओं अवैध कालोनाइजरों को लक्षित करते हुए दंडात्मक कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। जिसके बाद से जिला और निगम प्रशासन की संयुक्त टीम लगातार कार्यवाही करने में जुट गई है। बीते कुछ दिनों में प्रत्येक सप्ताह शासकीय जमीनों से अवैध कब्जे हटाए जा रहे है। वही अवैध कालोनाइजरों को चिन्हांकित कर उनके विरुद्ध शहर के विभिन्न थानों में नामजद एफआईआर तक करवाया गया है। जिसके बाद से जमीन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है।

हालाकि प्रशासन की कार्यवाही को लेकर शहर में लोगों की अलग_अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है। कुछ लोगों का कहना है कि प्रशासन बिलकुल सही दिशा में काम कर रहा है तो कुछेक यह कह रहे हैं, कि प्रशासन की कार्यवाही एक पक्षीय और भेदभाव पूर्ण है।

अब तक किसी भी बड़े जमीन माफियाओं के विरुद्ध पर्याप्त प्रमाण होने के बाद भी कोई कार्यवाही नही की गई हैं। इसके साथ ही संयुक्त खाते की पारिवारिक या निजी जमीनों को आवश्यकता अनुसार छोटे टुकड़ों में बेचने वाले भूमि स्वामियों पर ही एफआईआर की गई है। परंतु शहर की सैकड़ों एकड़ सरकारी,कोटवारी और अन्य शासकीय प्रायजनों की जमीनों पर अवैध कब्जा कर उन्हे कई टुकड़ों बेचने वाले भूमाफियाओं को आश्चर्य जनक ढंग से छोड़ दिया गया है। क्यूंकि इस कार्य में ज्यादातर सत्ता पक्ष या विपक्ष के राजनीतिक लोग सीधे तौर पर शामिल रहे है। कई जगहों पर तो राजस्व विभाग के दलाल नुमा कर्मचारियों ने भी अपने संरक्षण में खेल खिलवाया है। जिनमें सांगीतराई अतरमुड़ा कौहाकुंडा बड़े रामपुर विजयपुर गोपालपुर अमलीभौना कोसमनारा गढ़ मुरिया जैसे अन्य आधा दर्जन शहरी क्षेत्र शामिल हैं।ठीक इसी तरह के कई और सवाल है जिनमें कोई भूमि स्वामी बिना वैध अनुमति के निजी भूमि को कई छोटे टुकड़ों में बेचने की नियत से हल्का पटवारी से बार_बार बिक्री नकल ले रहा है संबंधित पटवारी ने उसे रोका क्यों नही या भूमि स्वामी के कृत्यों को सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को क्यों नही दी? यही नहीं । कई हल्का पटवारियों ने छोटे टुकड़ों के बिक्री नकल जारी करने के एवज में भूमि स्वामियों से न केवल मोटी रकम ऐंठी है बल्कि वैध अवैध कालोनियों में अपने परिजनों के नाम पर बाजार मूल्य से काफी कम कीमत में प्लाट भी खरीदें हैं। उन्हे प्रशासन ने नजर अंदाज क्यों किया है ? बीते कुछ दिनों से जैसे कि रायगढ़ जिले के अनेकों समाचार पत्र में और मीडिया प्लेटफार्म में यह देखने और पढ़ने को मिल रहा है कि, शासन के द्वारा छोटे प्लाटों को विक्रय करने वालों के विरुद्ध सीधे तौर पर एफआईआर दर्ज की जा रही है। लेकिन सिर्फ आठ -नौ लोगों पर एफ आई आर दर्ज कर खाना पूर्ति की गई। जबकि अन्य बड़े अवैध कालोनाइजरी के कु_कृत्यों की तरफ नजर भी नही डाली गई। जबकि इनके विरुद्ध तमाम जांच रिपोर्ट कई बार दी गई इसके बावजूद उन पर कार्रवाही लंबित आज तक नही की गई है। इन आधारों पर कहां जा सकता है कि वाकई वर्तमान में शासन के द्वारा पक्षपात पूर्ण तरीके से कार्यवाही की जा रही है। दूसरी तरफ शहर के तमाम अवैध प्लाटिंग में बराबरी का सहयोग और भूमिका निभाने वाले एक भी पटवारी को दंडित नही किया गया है।अब इस तरह की कार्यवाही शहर की आम जनता हैरान है। जैसे कि रायगढ़ जिले भर में केवल कमजोर लोगों को ही बिना कोई भी पुर्व सूचना दिये ही सीधे एफ आई आर दर्ज कर पुलिस को विधि नियमों के विपरित मनमाने तौर पर कार्रवाई कर रही है, वास्तव में इन छोटे प्लाट के बिक्री में शासन प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी मैं भी बराबर की जिम्मेदारी है। जैसे की भूमि का डायवर्सन एसडीओ कार्यालय से दिया जाता है, डायवर्सन शाखा द्वारा रिकॉर्ड दुरुस्त किया जाता है! पटवारी उक्त भूमि का बिक्री नकल प्रदान करता है, विक्रय पत्र को उपंजीयक रजिस्ट्री अप्रूवल करता है, तहसील कोर्ट नामांतरण की कार्रवाई पूर्ण करता है और नगर निगम द्वारा संपत्ति एवं अन्य टैक्स का वसूली भी की जाती है! इस तरह विक्रय किए गए प्लाट पूरी प्रक्रिया शासन के अधिकारी कर्मचारी के द्वारा पूर्ण की जाती है,फिर कोई भी नियम या अवैध कार्य कैसे कहा जा सकता है ?

अब माना कि कालोनी अवैध है तो अवैध प्लाटिंग के दुष्कृत्य में अकेला विक्रेता या भूमि स्वामी को ही दोषी क्यों ठहराया जा रहा है?? जबकि एसडीओ आर आई पटवारी तहसीलदार पंजीयक नगर पालिक निगम भी अवैध प्लाटिंग में बराबर के दोषी हैं,इन सब पर भी बराबर एफ आई आर दर्ज होनी चाहिए . परंतु हुई क्यों नही?? रायगढ़ जिले में लगभग 70 से भी अधिक जगहों में छोटे प्लाटों को बिना विधि पूर्ण तरीके से अवैध रूप में विक्रय किया गया है। इन सभी जगहों पर पटवारियो की सक्रिय भूमिका की निष्पक्ष जांच और उचित कार्यवाही बेहद जरूरी है।

R.O. No. 13098/21

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment