नगर पंचायत अविश्वास प्रस्ताव के लिए कांग्रेस भाजपा ने किया पर्यवेक्षक नियुक्त – कांग्रेस के डॉ. चौलेश्वर चंद्राकर , सुबोध हरितवाल तो भाजपा के गुरूपाल भल्ला संभालेंगे मोर्चा
जिले के नगर पंचायत घरघोड़ा में प्रस्तावित अध्यक्ष पद के अविश्वास प्रस्ताव के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम के आदेशानुसार डॉ. चौलेश्वर चंद्राकर अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस ओबीसी विभाग एवं सुबोध हरितवाल राष्ट्रीय प्रवक्ता युवा कांग्रेस को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। यह आदेश प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष ने जारी किया है। साथ ही प्रवेक्षक से आग्रह किया है कि अविलंब नगर पंचायत घरघोड़ा का दौरा कर जिला प्रभारी पदाधिकारी एवं जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के साथ बैठक कर स्थानीय पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एवं पार्टी संगठन के निर्वाचित पार्षदों के साथ समन्वय स्थापित कर अविश्वास प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान कराकर सफल बनाने की दिशा में समुचित कार्रवाई करें। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा ।
आप सभी को ज्ञात होगी कि चौलेश्वर चंद्राकर पूर्व में नगर पंचायत चुनाव में अध्यक्ष उपाध्यक्ष पद के लिए पर्यवेक्षक बन कर पहले भी घरघोड़ा आ चुके है बहुमत होने के पश्चात करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था । सूत्र बताते है कि नगर पंचायत में हुए पिछले हार को लेकर कांग्रेस ने इस बार हरित सुबोधवाल के साथ कुल दो पर्यवेक्षक नियुक्त किये है ।
दूसरी तरफ भाजपा ने अपने राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी जिसे भाजपा में संगठन का चाणक्य भी कहा जाता है वरिष्ठ नेता गुरूपाल भल्ला को नियुक्त किया है जिनके पिछले चुनाव में पर्यवेक्षक बनने पर आशातीत सफलता प्राप्त की थी इस बार भी वही जीत को दोहराना गुरूपाल भल्ला के लिए चुनौती होगी ।
घरघोड़ा में कल अविश्वास प्रस्ताव के लिए वोटिंग होना है कांग्रेस ने अपने 8 और 1 निर्दलीय 1 भाजपा पार्षद को अपने साथ रायगढ़ जिले के बगल में सारंगढ़ जिले के 15 किमी की दूरी पर फार्म हाउस पर छुपा कर रखने की बात आ रही है । अब देखना होगा कि भाजपा और कांग्रेस मतदान के लिहाज से अपने पार्षदों को कितना सुरक्षित रख पाते है । भाजपा नेता नगर पंचायत अध्यक्ष शिशु सिन्हा को बहुत सिद्ध करने के लिए 6 वोट की जरूरत है वही कांग्रेस को 10 की जरूरत है ।
कल 1 मई 23 रविवार को देखना होगा नगर सत्ता नगर पंचायत अध्यक्ष शिशु सिन्हा या उपाध्यक्ष उष्मान बेग के हांथो में होगी । राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस सीट पर किसी तीसरे का बनने का कोई विकल्प नही होगा क्यो की शासन प्रशासन विधानसभा की चुनावी तैयारी में 2 महीना पहले लग चुकी है और लगभग 3 महीने बाद अचार संहिता लागू होना है ऐसे में चुनाव कराना सम्भव नही दिखाई देने की बात कही जा रही है ।