desk khabar khuleaam
कंचनपुर के पास रेल्वे लाइन से सटे इलाके में खुलेआम हो रहा अवैध रेत भंडारण..….
रायगढ़/ घरघोड़ा तहसील अंतर्गत कंचनपुर के पास रेल्वे लाइन के नजदीक एक नव निर्माण स्थल पर सैकड़ों ट्रैक्टर अवैध रेत का भंडारण किया जा रहा है। यह स्थिति तब है जब प्रदेश में भाजपा सरकार सुशासन की बात करती है। सवाल यह है कि प्रशासन इस पर चुप क्यों है और जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने से क्यों बच रहे हैं या फिर कारण कुछ और ?बता दे की सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त कंचनपुर के रेल्वे लाइन के पास डंप सैकड़ो ट्रेक्टर अवैध रेत एसीसीएल कंपनी के लिये बनाये जा रहे कॉलोनी में उपयोग किया जा रहा है उक्त काम का ठेका रायगढ़ के किसी बड़े ठेकेदार द्वारा कराये जाने की जानकारी दी गई है जिसके कारण कार्यवाही करने की बजाय प्रशासन ने अपनी आंखे मुंद ली है *भाजपा सरकार में रेत तस्करी चरम पर…* प्रदेश में रेत तस्करी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कांग्रेस शासनकाल की अपेक्षा भाजपा शासन में रेत तस्करों के हौसले बुलंद हैं। अवैध रेत खनन और भंडारण के ये मामले प्रशासनिक सुस्ती और राजनीतिक संरक्षण की ओर इशारा करते हैं। *रायगढ़ की खदानें बंद, फिर रेत कहां से आई?…* प्रदेश में नई भाजपा सरकार बनने के बाद से रेत के सभी खदानों पर उत्तखनन पर पुरी तरह से रोक लगा दी गई है ऐसे में रायगढ़ जिले के भी रेत खदानें बंद हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी बड़ी मात्रा में रेत कहां से आई? क्या यह रेत दूसरे जिलों से अवैध रूप से लाई जा रही है? या फिर स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से यहां भंडारित की गई है? *भंडारण की अनुमति या अवैध तस्करी का खेल?…* प्रश्न यह भी है कि उक्त स्थान पर रेत भंडारण की अनुमति ली गई है या नहीं। अगर अनुमति है, तो इसकी पुष्टि क्यों नहीं की जा रही? अगर अनुमति नहीं है, तो प्रशासन अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा? शासन को इस भंडारण की रॉयल्टी प्राप्त हो रही है या नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है। *जिम्मेदारों की उदासीनता पर उठ सवाल?…*इस मामले ने प्रशासन और सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह मामला राजनीतिक संरक्षण के चलते दबाया जा रहा है? स्थानीय निवासियों का कहना है कि रेत तस्करी और अवैध भंडारण पर कार्रवाई नहीं होने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। *अवैध रेत तस्करी पर सख्त कार्रवाई की दरकार….*सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अवैध रेत भंडारण और तस्करी के मामलों में सख्त कार्रवाई हो। जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि प्रदेश में सुशासन की छवि बनाए रखी जा सके। अन्यथा, यह चुप्पी सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करती रहेगी।