
khbar khuleaaam
अधिकारी ठेकेदार कि मिलीभगत से घटिया निर्माण का ग्रामीण लगा रहे आरोप
टंकी से पानी लिकेज होने के कारण ठेकेदार नहीं भर रहे टंकी में पानी
धरमजयगढ़।सरकार जल जीवन मिशन योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में पानी टंकियां बनवाया गया है ताकि ग्रामीणों को पीने के लिए शुद्ध जल मिल सके। लेकिन धरमजयगढ़ विकास खण्ड में इस योजना में ग्रहण लग गया है, धरमजयगढ़ विकास खण्ड में अगर जल जीवन मिशन योजना की बात करें तो यह योजना 90 प्रतिशत फेल है। विकास खण्ड में एक दो ही गांवों में यह योजना के तहत पानी सप्लाई हो रहा होगा? ठेकेदार अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर घटिया निर्माण को अंजाम दिया है जिसका नतीजा है कि पानी टंकी चालू नहीं हो पा रहा है। आज हम बात कर रहे हैं विकास खण्ड मुख्यालय से चंद दूरी पर बसा ग्राम मेडरमार की, बायसी कॉलोनी पंचायत का अश्रित ग्राम मेडरमार कॉलोनी में जन जीवन मिशन के तहत एक पानी टंकी का निर्माण वर्षों पहले पीएचई विभाग के ठेकेदार द्वारा किया गया है। ठेकेदार द्वारा हर घर में नल कनेक्शन भी पहुंचा दिया गया है, लेकिन ठेकेदार द्वारा लगाये गये नल से पानी नहीं निकलता है। जिससे नाराज ग्रामीण अब नल कनेक्शन को उखाड़ फेंक रहे हैं। इस संबंध में पीएचई एसडीओ से जब भी पूछा जाता है तो उन्होंने एक ही जावब देते हैं कि बस चालू करवाते हैं। लेकिन चालू कभी नहीं होता है।घटिया निर्माण की खुली पोल, टंकी में पानी भरते ही भरभरा कर गिरता है पानीठेकेदार की घटिया निर्माण की पोल उस समय खुल गया जब पानी टंकी निर्माण पूरा होने के बाद चेक करने के लिए टंकी में पानी भरा गया। पानी भरते ही टंकी के नीचे से भरभरा कर पानी गिरने लगा। घटिया पानी टंकी बनने के कारण ही मेडरमार कॉलोनी वासियों को जल जीवन मिशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।अधिकारी कार्यवाही के बदले बचाने में लगेठेेकेदार द्वारा बनाये गये घटिया पानी टंकी की जानकारी पीएचई विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को होने के बाद भी ठेकेदार पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं उल्टा अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को बचाने में जूटे हुए हैं। अगर ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण नहीं किया गया है, और पानी टंकी सही सलामत है तो फिर मेडरमार कॉलोनी वासियों को योजना का लाभ क्यों नहीं मिल रहा है ? पानी टंकी से पानी की सप्लाई क्यों नहीं करवाया जा रहा है? क्या अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही से शासन का लाखों रूपये ठेकेदार डकार गये ? यहा सब तब पता चलेगा जब इस घटिया निर्माण की जांच होगा।