

खबर खुलेआम
विशेष संवाददाता की खास रिपोर्ट
रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड अंतर्गत ग्राम पूँजीपथरा को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया है, जहाँ वर्तमान में 100 से अधिक छोटे-बड़े उद्योग संचालित हो रहे हैं। औद्योगिक विकास के नाम पर यहाँ के ग्रामीणों की ज़िंदगी अब जहरीले धुएँ की चपेट में आ गई है।ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकांश उद्योगों से निकलने वाला काला और जहरीला धुआँ दिन-रात वातावरण को प्रदूषित कर रहा है। हवा में घुला यह धुआँ साँस लेने में दिक्कत, आँखों में जलन, खाँसी, दमा और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है। बावजूद इसके उद्योग संचालक पर्यावरण संरक्षण से जुड़े नियम-कानूनों को ताक पर रखकर बेधड़क उत्पादन कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण के उपकरण या तो लगे ही नहीं हैं या केवल कागज़ों में ही दिखाए गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं। न तो नियमित निरीक्षण हो रहा है और न ही दोषी उद्योगों पर सख्त कार्रवाई।
ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन तत्काल प्रभाव से प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कार्रवाई करे, नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए और क्षेत्र में स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित किया जाए। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो औद्योगिक विकास की यह कहानी ग्रामीणों के लिए एक बड़ी त्रासदी बनकर रह जाएगी।











