धर्मजयगढ़ – राष्ट्रपति की दत्तकपुत्र कहे जाने वाले बिरहोर समाज के लिए शासन विभिन्न योजनाओं से उनके उत्थान के काम क़र रही है लेकिन धर्मजयगढ़ में शासकीय आदिवासी बिरहोर आश्रम में उनके शिक्षा के शासन कि ओर से बनाये गये आश्रम मे सही समय में भोजन नही मिल पा रहा है।
बिरहोर बालक आश्रम धरमजयगढ़ में छात्रों के लिए भोजन व्यवस्था के लिए 5 रसोईया की न्युक्ति 2013 में किया गया था जिसे एक रसोईया को मिरीगुडा छात्रावास स्टॉफ की कमी में भेजा गया जबकि बचे चार रसोईया को धर्मजयगढ़ बिरहोर छात्रावास में रखा गया जिसके बाद भी बच्चो को सही समय पर भोजन नही मिल पा रहा है जिसपर छात्रावास अधीक्षक मधुसुधन कंवर ने बताया कि छात्रावास में अभी 3 भृत्य ही है जब से मैं आया हूं जब मैंने रजिस्टर देखा तो पता चला कि एक भृत्य थानेश्वर बेहरा जो की 18 सितंबर 2013 में ज्वानिंग के बाद पिछले 10 वर्षो से नदारत है । जब मेरे द्वारा पता किया गया तो 21 सितंबर 2013 में बीईओ ऑफिस में अटैच था थानेश्वर बेहरा को भोजन व्यवस्था के लिए न्युक्ति किया गया जो 2013 से ज्वानिंग के बाद बी.ई.ओ. ऑफिस ,चुनाव शाखा फिर एस.डी.एम. ऑफिस फिर तहसील कार्यालय छाल में उससे सेवा लिया जा रहा ।
आश्रम में स्टॉफ की कमी से परेशानी होती है यहाँ 92 बालक की भोजन व्यवस्था एवं आश्रम की सफाई के लिए अन्य कर्मचारी द्वारा किये जाने से समय पर काम नही हो पाता जिसके लिए अधीक्षक द्वारा ए.सी. रायगढ़ को 20/10/2013 को आवेदन देकर इसकी शिकायत किया जा चूका है, अधीक्षक के बताये अनुसार थानेश्वर बेहरा को वापसी के लिए कई बार बोल चुके है लेकिन अभी तक उसको यहाँ ड्यूटी वापस नही किया जिससे काफ़ी परेशानी हो रही है ।
मधुसूदन कंवर(अधीक्षक बिरहोर छात्रावास) – थानेश्वर बेहरा 2013 बिरहोर छात्रावास में भृत्य के पद पर 18 सितंबर 2013 को जायनिंग किया है जिसके बाद 2 दिन का छुट्टी लिया फिर 21 सितंबर 2013 से बी.ई.ओ. कार्यालय धर्मजयगढ़ में अटैच हो गया जिसके बाद से आज 10 साल हो गया है अभी तक छात्रावास वापस नही आया है। अभी कल ही मुझे जानकारी मिली की चुनाव शाखा से थानेश्वर बेहरा को रिलीफ किया गया है जो की अभी वो छाल तहसील में है।