
डेस्क खबर खुलेआम
खरसिया = जनपद पंचायत खरसिया के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत बिंजकोट मे आवेदक के द्वारा 27/ 6 / 2024 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खरसिया को पंचायती राज अधिनियम 1993 धारा 40 ग के अंतर्गत लिखित शिकायत की गई थी
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खरसिया के द्वारा जांच टीम गठित की गई जांच टीम में जांच अधिकारी ललित कुमार पटेल कर्रारोपण अधिकारी जनपद पंचायत खरसिया व अमित माझी उप अभियंता जनपद पंचायत खरसिया को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया
आवेदक द्वारा शिकायत में उल्लेख के गया कि ग्राम पंचायत में बिंजकोट मैं 15 वित्त की राशि को सरपंच श्रीमती गीता राठीया सचिव रोहित पटेल के द्वारा सरपंच अपने ससुर फागुराम राठीया को फर्जी वेंडर बनाकर आहरण किया गया है जो की पंचायती राज अधिनियम 1993 धारा 40 ग का खुला उल्लंघन किया गया है।

प्रदेश की साय सरकार जीरो टोलरेंस पर पलीता लगाने का काम रायगढ़ के खरसिया जनपद पंचायत मे बखूबी किया जा रहा है।
जांच दल का अभिमत = शिकायत पत्र के आधार पर ग्राम पंचायत बिंजकोट सरपंच श्रीमती गीता राठीया व सचिव रोहित पटेल के द्वारा सरपंच अपने रिश्तेदारों को फर्जी वेंडर बनाकर 15 वित्त की राशि आहरण करने के संबंध में सरपंच सचिव का लिखित बयान लिया गया सरपंच सचिव को लिखित बयान का अवलोकन करते हुए निरीक्षण किए जाने पर फागुराम राठिया को सरपंच श्रीमती गीता राठिया का ससुर पाया गया!
लेकिन विडंबना यह है कि जांच अधिकारी ललित पटेल के द्वारा धारा 40 के स्पष्टीकरण देने के बावजूद सरपंच और सचिव इसके दोषी नहीं पाए गए इस बात से ये स्पष्ट होता है की आर्थिक लाभ ले कर सरपंच सचिव का पूर्णरूप से साफ साफ बचाव किया गया है एक कहावत है कि बिल्ली आंख बंद कर के दूध पीती है और सोचती है की उसे कोई नही देख रहा परंतु वो उसका भ्रम मात्र है क्योंकि आंख उसने बंद की है दुनिया ने नही और इसी भ्रम को श्री ललित पटेल ने खरसिया जनपद में बनाए रखा है। ललित पटेल और उनके जांच सदस्यीय समूह ने ग्राम पंचायत बिंजकोट से आंख बंद कर के दूध पी लिया है जो उनके जांच प्रतिवेदन से स्पष्ट है जहा सरपंच स्वयं अपने लिखित बयान में स्पष्ट कर चुकी है की फगुराम राम राठिया उनके ससुर है। उसके बाद भी धारा 40 का किसी प्रकार से कोई उल्लंघन नहीं हुआ है सारे साक्ष्य सामने होने के बाद भी यदि कुछ नही हुआ है तो फिर ये अंदाजा लगाना किसी के लिए भी कोई मुश्किल की बात नही होगी की
भ्रष्टाचार किस हद तक हुआ है ।
जाने धारा 40 का स्पष्टीकरण क्या कहता है
ये है धारा 40 का स्पष्टीकरण_ इस खंड के प्रयोजन के लिए, ‘रिश्तेदार’ शब्द का तात्पर्य पिता, माता, भाई, बहन, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, सास, ससुर, साला, साली, दामाद या पुत्रवधू से होगा।
बशर्ते कि जांच में अंतिम आदेश, जहां तक संभव हो, संबंधित पदाधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने की तारीख से 90 दिनों के भीतर पारित किया जाएगा।
(2)कोई व्यक्ति, जिसे उपधारा (1) के अधीन हटा दिया गया है, तुरन्त किसी अन्य पंचायत का सदस्य नहीं रह जाएगा, जिसका वह सदस्य है, ऐसा व्यक्ति इस अधिनियम के अधीन निर्वाचित होने के लिए भी छह वर्ष की अवधि के लिए निरर्हित होगा।
जाने अगले अंक में की जांच के नाम पर कैसे लीपा पोती किया गया है और कैसे अपने पद का दुरुपयोग किया गया है।
शिकायत कर्ता ने जाँच टीम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जाँच टीम ने सरपंच सचिव को बचाने के लिये प्रतिवेदन बनाया है। शिकायत कर्ता ने कहा पुरे मामले कि निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। जाँच टीम कि शिकायत मुख्यमंत्री व जिला कलेक्टर से करने कि बात कही है।