

डेस्क खबर खुलेआम

घरघोड़ा नगर पंचायत में एक बार फिर से निर्दलीय अध्यक्ष नगर के प्रथम नागरिक कि कुर्सी संभालेंगे । बता दे कि ऑटो छाप से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव सुरेंद्र सिंह चौधरी लड़े है और घरघोड़ा कि जनता ने दूसरी बार फिर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे सुरेंद्र चौधरी को नगर विकास के लिए मौका दिया है।बता दे कि सुरेंद्र चौधरी कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर निर्दलीय मैदान में उतरे थे आज फिर घरघोड़ा नगर कि जनता ने सिल्लू पर भरोषा जताया है। और प्रचंड मतों से जिताया है ।
अध्यक्ष पद के प्रत्याशी सुरेंद्र चौधरी ऑटो छाप निर्दलीय को 2589 भाजपा के सुनील सिंह ठाकुर को 2080 कांग्रेस के सोमदेव मिश्रा 1219 मत मिले है
नगर पंचायत के 15 वार्डो में * 1 बैतल राठिया निर्दलीय ने भाजपा के प्रत्याशी को 23 वोट से हराया है वही वार्ड * 2 श्याम भोजवानी भाजपा ने कांग्रेस को 172 वोट से वार्ड * 3 भोलू उरांव भाजपा ने कांग्रेस को 91 वोट से वार्ड * 4 विमला जोल्हे निर्दलीय ने कांग्रेस प्रत्याशी को 97 वोट से वार्ड *5 अनिल लकड़ा भाजपा ने कांग्रेस को 28 वोट से वार्ड * 6 यश सिन्हा भाजपा ने कांग्रेस को 12 वोट से वार्ड * 7 संजय डोंडे कांग्रेस ने भाजपा को 26 वोट से वार्ड * 8 राजकुमारी डनसेना भाजपा ने कांग्रेस को 17 वोट से वार्ड * 9 पीताम्बर निषाद भाजपा ने कांग्रेस को 35 वोट से वार्ड * 10 अमित त्रिपाठी कांग्रेस ने निर्दलीय को 65 वोट से वार्ड * 11 मिथलेश शर्मा कांग्रेस ने भाजपा को 75 वोट से वार्ड * 12 अनुराधा पैंकरा भाजपा ने कांग्रेस को 68 वोट से वार्ड * 13 कल्पना शर्मा भाजपा ने कांग्रेस को 68 वोट से वार्ड * 14 तिलेश्वर पैंकरा कांग्रेस ने भाजपा को 81 वोट से वार्ड * 15 राजेश मित्तल भाजपा ने निर्दलीय को 55 वोट के अंतर से हराया है

भाजपा के कुल 9 कांग्रेस के 4 और निर्दलीय 2 चुने गये है बावजूद अध्यक्ष पद के लिए भाजपा को मुँह कि खानी पड़ी है

पुरे नगर पंचायत चुनाव में देखें तो सुरुवाती दौर से सुरेंद्र चौधरी को जमीनी स्तर के मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिला है। कही न कही चौधरी कि रणनीति के तहत समर्थन को वोट में बदलने में सफल भी हुए है।
दूसरी तरफ कही ना कही भाजपा कि सरकार बनने के बाद स्थानीय स्तर पर भाजपा कि गुटबाजी और अधिकारीयों के मनमानी हार का कारण बनी है जिस तरह से कुछ नेताओं द्वारा बड़े अधिकारी से साठगाठ कर सडक किनारे लगे छोटे छोटे दुकानदारों को हटाना परेशान करना हार का मुख्य कारण नगर में चर्चा का विषय माना जा रहा है। छोटे दुकानदारों का एक बड़ा वोट बैंक है जिसको निर्दलीय प्रत्याशी ने अपने पक्ष में भुनाया है।
बहरहाल देखना होगा कि नगर पंचायत अध्यक्ष के तौर पर निर्दलीय अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी के चुने जाने के बाद जनता कि उम्मीदों पर कितना खरा उतरते है क्या सिल्लू चौधरी भाजपा का दामन थाम कर नगर विकास को गति देंगे या फिर निर्दलीय रहते हुए जन सेवा करते रहते है यह अभी भविष्य के गर्भ में है वैसे सुरेंद्र चौधरी राजनीती के मंझे हुए खिलाडी है समय का भापना और इस्तेमाल करना बखूबी जानते है।
बात कांग्रेस कि भी कर लेते है क्योंकि कांग्रेस के बिना कहानी अधूरी रह जाएगी , बता दे कि घरघोड़ा कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है मतदाताओं ने कांग्रेस को समर्थन करते आई है सुरेंद्र चौधरी का निर्दलीय चुनाव मैदान में आना और ऐसे समय में कांग्रेस उम्मीदवार को अपनों का ही साथ नहीं मिलना हार का बड़ा कारण बना है. बता दे कि पुरे चुनाव के दौरान क्षेत्र के विधायक का नहीं आना मतदाताओं में चर्चा का विषय रहा।

