
डेस्क खबर खुलेआम
गणेश भोय तमता
गौरतलब है कि आजकल अपराधियों के द्वारा साइबर ठगी करने व अन्य अवैध लेन देन के लिए नए नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, इसी का एक उदाहरण म्यूल अकाउंट है, जिसमें अपराधियों द्वारा अवैध लेन देन के लिए बैंक के खाता धारकों को रुपए का लालच देकर उनके खातों को किराए पर लिया जा रहा है, उक्त खाता धारकों के अकांउट की एटीएम व खाता से लिंक मोबाइल नंबर को अपराधियों के द्वारा अपने पास रखा जाता है, जिसके माध्यम से अपराधी अवैध रुपए का लेन देन करते हैं, इसके एवज में खाताधारक को निश्चित रकम दी जाती है।

जशपुर पुलिस के द्वारा जब पुलिस की टेक्निकल टीम की मदद से म्यूल खाताधारकों के संबंध में जांच किया जा रहा था, उसी दौरान पुलिस को पता चला कि महाराष्ट्र बैंक जशपुर के खाता क्रमांक *6049174249* में जिसके खाता धारक का नाम सुभाष केरकेट्टा है जो कि गिरांग जशपुर का निवासी है, उसके खाते में 01 लाख रु का अवैध ट्रांजेक्शन हुआ है, जिस पर पुलिस के द्वारा, म्यूल खाता का संदेह होने पर, म्यूल खाता धारक सुभाष केरकेट्टा को हिरासत में लेकर बारीकी से पूछताछ करने पर उसने बताया कि एक वर्ष पूर्व वह महाराष्ट्र बैंक जशपुर में अपना खाता खुलवाया था, जिसके ए टी एम कार्ड को वह अपने रिश्ते के चाचा ग्राम कोपा थाना सन्ना निवासी आरोपी नीरज रतन टोप्पो को दिया था, जिसके एवज में नीरज रतन टोप्पो के द्वारा आरोपी सुभाष केरकेट्टा को एक निश्चित रकम दी गई थी। पुलिस के द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपी नीरज रतन टोप्पो को उसके ग्राम कोपा से हिरासत में लेकर जांच करने पर पता चला कि नीरज रतन टोप्पो के द्वारा किसी अज्ञात व्यक्ति को रुपए लेकर उक्त खाता व खाते के ए टी एम कार्ड को बस के माध्यम से रांची भेजा गया था, उक्त अज्ञात व्यक्ति से नीरज की बातचीत मोबाइल फोन के माध्यम से ही होती थी, वे आपस में कभी नहीं मिले थे। पुलिस की जांच में मालूम चला है कि उक्त म्यूल खाते में उक्त अज्ञात आरोपी के द्वारा, किसी से धोखाधड़ी कर प्राप्त 01 लाख रु की राशि का अवैध रूप से ट्रांजेक्शन किया गया है।
पुलिस के द्वारा दोनो आरोपियों क्रमशः -1. सुभाष केरकेट्टा, उम्र 25 वर्ष निवासी गिरांग, जशपुर थाना सिटी कोतवाली जशपुर, जिला जशपुर (छ ग)।02. नीरज रतन टोप्पो, उम्र 43 वर्ष निवासी ग्राम कोपा, थाना सन्ना, जिला जशपुर ( छ. ग) के खिलाफ थाना सिटी कोतवाली जशपुर में बी. एन. एस. की धारा 318(2),318(4) व 61(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच विवेचना में लेते हुए विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।