
डेस्क खबर खुलेआम

बिना कारण पिटाई, पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
रायगढ़ / जनता की रक्षा का दायित्व निभाने वाली पुलिस पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगे हैं। घरघोड़ा थाना क्षेत्र में एक युवक ने पुलिस द्वारा की गई अमानवीय पिटाई की शिकायत आवेदन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। घटना 20 जनवरी 2025 की सुबह करीब 10 बजे की है। ग्राम ढोरम निवासी उत्तरा निषाद अपने मित्र भूषण के घर के पास टेरम इलाके में बैठा था, तभी पुलिस की एक टीम वहां पहुंची। शराब की तलाशी के नाम पर पुलिस ने पहले पूछताछ की, लेकिन जब कुछ संदिग्ध नहीं मिला, तो उत्तरा निषाद और उसके साथी सुमन पर पुलिस ने अपना गुस्सा निकाल दिया।पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें जमीन पर गिराकर घसीटा और लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा। शरीर पर अब भी पिटाई के गहरे निशान मौजूद हैं। सवाल यह उठता है कि क्या कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली पुलिस को इस तरह आम नागरिकों पर अत्याचार करने का अधिकार है?

क्या घरघोड़ा पुलिस बन चुकी है अत्याचारी?
यह कोई पहली घटना नहीं है जब घरघोड़ा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस अक्सर गरीब और कमजोर तबके को निशाना बनाती है और अपनी शक्ति का दुरुपयोग करती है। कई बार बिना किसी ठोस आधार के लोगों को परेशान किया जाता है, जिससे पुलिस प्रशासन की छवि धूमिल होती जा रही है।पीड़ित परिवार ने उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। घटना के बाद इलाके में आक्रोश व्याप्त है और लोग पुलिस की इस बर्बरता के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।
प्रशासन की भूमिका पर उठते सवाल, क्या मिलेगा न्याय?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा ? प्रशासन की भूमिका पर सभी की निगाहें टिकी हैं। क्या पीड़ितों को न्याय मिलेगा, या फिर यह घटना भी सिर्फ एक और मामला बनकर रह जाएगी ?
जनता को उम्मीद है कि इस बार कानून के रखवाले अपने ही कानून की मर्यादा बनाए रखेंगे और दोषियों पर उचित कार्रवाई होगी।