जशपुर – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सपथ लेते ही जशपुर जिले के हर ब्लाक व तहसील के क्षेत्रों में इन दिनों हर विभाग काफी एलर्ट नजर आ रहा है, किन्तु बात अगर हम पत्थलगांव के स्वास्थ्य विभाग की करें तो 100 बिस्तर के अस्पताल के नाम से जाने जाना वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पत्थलगांव में अवेवस्था का आलम इस प्रकार है की मरीज ही नहीं बल्कि मरीज के साथ आए परिजन भी बेखूबी परेशान होते नजर आते हैं, विडंबना तो यह है की हाल में ही आज पत्थलगांव के स्वास्थय विभाग का निरीक्षण करने पहुंचीं एस.डी.एम. आकांक्षा त्रिपाठी को स्वाथ्य विभाग की एक भी लापरवाही नजर नहीं आई,अस्पताल घुसते ही लोग सबसे पहले अपना मुंह ढकने मजबूर हो जाते हैं ऐसा नहीं की कोरोना काल का चक्र चल रहा है अपना मूंह मरीज या परिजन इसलिए ढकें नजर आते हैं क्योंकि अस्पताल के बाथरूम से निकलता गंदा बदबू उनको आगे बड़ने ही नहीं देता,अस्पताल में सफाई कर्मचारी तो हैं लेकिन वो भी अपनी ड्यूटी के टाइम खाना पूर्ति ही करते नजर आते हैं,आपको बता दें की अस्पताल में केवल बाथरूम ही नहीं बल्कि और भी ऐसे आलम है जिससे एस डी एम मैडम सायद वाकिफ ना हों,पत्थलगांव अस्पताल 100 बिस्तरों के अस्पताल के नाम से ज़रूर ही जाना जाता है पर यहां उपचार 10 फीसदी भी नहीं,डॉक्टरों की मनमानी और लापरवाही इस कदर सिर चढ़ के बोलती है मानो अस्पताल में गुंडा राज चल रहा हो,किसी भी डॉक्टरों का समय पर ड्यूटी पर ना पहुंचना, आपातकालीन से डॉक्टरों का नदारद रहना ये सब यहां के अस्पताल के लिए कोई बहुत बड़ी बात नहीं है ऐसे में अगर निरीक्षण के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति कर देना वो भी मुख्यमंत्री के जिले में बड़ी ही शर्मनाक बात को दर्शाती है,ऐसे में देखना ये होगा की क्या व्यवस्था का ये आलम कब तक ठीक हो पता है,या फिर ऐसे ही निरीक्षण के नाम पर बस खाना पूर्ति होता रहेगा ।।
मुख्यमंत्री के जिले में निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति
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