कंपनी प्रबंधन की मनमानी , मकान तोड़ने के 7 साल बाद भी प्रभावितों को नहीं मिला रहा मुआवजा … धरना प्रदर्शन जारी

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
IMG 20240115 WA0014

तमनार क्षेत्र स्थित हिंडालको कंपनी की दबंगई से क्षेत्र की जनता परेशान है। कंपनी की मनमानी इस कदर हावी हो गई है कि प्रशासनिक आदेश को भी ठेंगा दिखाते हुए कूड़ेदान में डाल दिया जा रहा है। जिससे कोल माइंस से प्रभावित ग्रामीणों में आक्रोश है। दरअसल, गारे पेलमा 4/4 कोल माइंस हिंडालको इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित है। हिंडाल्को कंपनी द्वारा गांव,जंगल उजाड़ने के बाद कोयला उत्खनन किया जा रहा है। लेकिन मकान तोड़ने के 7 साल बाद भी एक परिवार आज तक मुआवजा राशि के लिए भटक रहा है।

IMG 20240115 WA0015
IMG 20240115 WA0016

कोंडकेल निवासी तीर्थानंद पटेल द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए मुआवजे की मांग पत्र में बताया गया है कि ग्राम कोडकेल के ही बनखेता मोहल्ला में उसका मकान था। जिसे गारे पेलमा कोल ब्लॉक के हिंडाल्को इंडस्ट्रीज कंपनी द्वारा अवैधानिक रूप से बीते एक अप्रैल 2016 को तोड़वा दिया गया था। जिस संबंध में न्यायिक जांच हेतु पीड़ित ने कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन पत्र दिया था। इसके बाद जांच कार्यवाही में तमनार रेगांव निवासी सत्यवादी के प्रकरण की जांच को कार्यवाही विवरण के रूप में पूर्ण दर्शाया गया था। इसके बाद पीड़ित ने फिर कलेक्टर जन चौपाल में घर तोड़े जाने के संबंध में न्यायिक जांच व दोषियों पर कार्यवाही के लिए आवेदन पत्र दिया। इसके बाद 14 जनवरी 2021 को जांच कार्य अनुविभागीय अधिकारी घरघोड़ा को सौपा गया। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जांच का कार्य पूर्ण करने के पश्चात हिंडालको कंपनी को घर के मुआवजा राशि 39 लाख 15900 रुपये पीड़ित को देकर उक्त कार्यवाही से अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया।

कोंडकेल निवासी तीर्थानंद पटेल द्वारा हिंडाल्को कपनी पर अवैधानिक रूप से मकान तोड़ने के बाद भी मुआवजा राशि आज तक नही दिए जाने का आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार मुआवजे को लेकर बीते साढ़े 7 साल से दर-दर की ठोकर खा रहा है। मंत्री क्षेत्रीय विधायक, कलेक्टर एसडीम तहसीलदार से मुआवजा दिलाने की मांग पीड़ित द्वारा किया जा चुका है। लेकिन आज पर्यंत तक मुआवजा नहीं मिला है, जिससे मजबूरन पीड़ित परिवार ने गांव वालों के साथ मिलकर बीते 5 दिनों से कोल खदान गेट पर नाकेबंदी कर दी है। जिससे कोल उत्खनन कार्य प्रभावित हो चुका है।

प्रशासनिक आदेश बेअसर

हिंडालको कंपनी द्वारा मुआवजे की राशि नहीं दिए जाने के बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत कलेक्टर, एसडीएम से की थी। शिकायत के बाद मामले की प्रशासनिक जांच हुई। जांच उपरांत हिंडालको कंपनी को एसडीएम द्वारा निर्देशित किया गया कि पीड़ित को 39 लाख 15900 रुपए की मुआवजा राशि दी जाए, और उक्त कार्यवाही से कार्यालय को अवगत कराया जाए। लेकिन एसडीएम का निर्देश भी बेअसर साबित हुआ। हिंडालको ने पीड़ित को न मुआवजा दिया और न हीं एसडीएम कार्यालय को जवाब।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment