

डेस्क खबर खुलेआम
गणेश भोय जिला ब्यूरो जशपुर
दिनांक 18.11.25 को थाना पत्थलगांव क्षेत्रांतर्गत एक आवासीय विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया कि उनके द्वारा दिनांक 16 .10.25 में, आवासीय विद्यालय का कार्यभार ग्रहण किया गया था, कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात् उन्हें ज्ञात हुआ कि अध्ययनरत छात्रों के द्वारा आवासीय विद्यालय के प्रधानपाठक को लिखित आवेदन देकर सूचित किया गया था, कि आवासीय विद्यालय के चौकीदार आरोपी निरंजन किस्पोट्टा के द्वारा, अध्ययनरत छात्रों के साथ गलत नियत से, उनके निजी अंगों को छूकर बैड टच किया जाता है, जिससे कि छात्र असहज व असुरक्षित महसूस करते थे। शिकायत आवेदन के संबंध में वरिष्ठ अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, जिला जशपुर को अवगत कराने पर उनके द्वारा मामले की विभागीय जांच हेतु पांच सदस्यीय टीम गठित की गई थी, जिनके द्वारा जांच उपरांत अध्ययनरत छात्रों के आरोप की पुष्टि की गई कि आरोपी चौकीदार के द्वारा लगातार आवासीय विद्यालय के अध्ययनरत छात्रों के साथ उनके निजी अंगों को अनुचित ढंग से स्पर्श कर बैड टच किया जाता था। आरोपी चौकीदार का उक्त कृत्य अनुचित व आपराधिक है। रिपोर्ट पर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, पुलिस के द्वारा मामले के संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अवगत कराते हुए, तत्काल थाना पत्थलगांव में आरोपी चौकीदार निरंजन किस्पोट्टा के विरुद्ध लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 8,10 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच विवेचना में लिया गया। पुलिस के द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपी आवासीय विद्यालय के चौकीदार निरंजन किस्पोट्टा को हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ पर आरोपी निरंजन किस्पोट्टा के द्वारा अपराध स्वीकार करते हुए बताया गया कि वह जनवरी 2025 से उक्त आवासीय विद्यालय में कार्यरत था, तथा आवासीय विद्यालय के परिसर में ही रहता था। आरोपी चौकीदार निरंजन किस्पोट्टा उम्र 35 वर्ष के द्वारा अपराध स्वीकार करने व प्रयाप्त अपराध सबूत पाए जाने पर विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।
मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह ने बताया कि जशपुर पुलिस बच्चों व महिलाओं से संबंधित अपराध को लेकर अत्यंत संवेदनशील है।पत्थलगांव क्षेत्र में एक आवासीय विद्यालय के छात्रों से बेडटच करने वाले आरोपी विद्यालय के चौकीदार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिसे न्यायिक रिमांड पर भेजा जावेगा, ऐसे अपराध में संलिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जावेगा।*













