

डेस्क खबर खुलेआम
सारंगगढ़ से मोहित जटवार
सारंगढ़-बिलाईगढ़।ग्राम पंचायत पिकरीपाली एवं आश्रित ग्राम तेल्दुमभाठ के ग्रामीणों ने क्षेत्र में अवैध कच्ची महुआ शराब, देसी एवं अंग्रेजी शराब की खुलेआम बिक्री पर रोक लगाने की मांग करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक को एक लिखित आवेदन सौंपा है। ग्रामीणों का कहना है कि अवैध शराब का कारोबार गांव और आसपास के इलाकों में तेजी से फैल रहा है, जिससे सामाजिक वातावरण बिगड़ता जा रहा है और युवाओं से लेकर वृद्धों तक इस नशे की चपेट में आ चुके हैं।ग्रामीणों द्वारा प्रस्तुत आवेदन में कहा गया है कि गांव के ही कुछ लोग, जिनमें किशन कुमार नायक पिता बिसराम नायक, विकास कुमार पिता बुडराम नायक और अन्य लोग शामिल हैं, अवैध रूप से शराब बिक्री का धंधा कर रहे हैं। इन लोगों के कारण पूरे गांव में कच्ची महुआ शराब और अंग्रेजी शराब की अवैध बिक्री लगातार चल रही है, जिससे समाज में असामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है। गांव के लोग इस नशे की वजह से झगड़ों, विवादों और घरेलू कलह में उलझते जा रहे हैं।ग्रामीणों ने बताया कि थाना सरसीवां और आबकारी विभाग को कई बार इस मामले की जानकारी दी गई, लेकिन अभी तक किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे शराब विक्रेताओं के हौसले बुलंद हैं और वे खुलेआम शराब का व्यापार कर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस और आबकारी विभाग की लापरवाही के चलते गांव का भविष्य अंधकार में जा रहा है।आवेदन में यह भी उल्लेख किया गया है कि अवैध शराब सेवन से गांव में कई लोगों की मौत हो चुकी है। हाल ही में ग्राम पंचायत पिकरीपाली के एक 16 वर्षीय युवक महेन्द्र बंजारे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जो नियमित रूप से शराब का सेवन करता था। इसके अलावा तेल्दुमभाठ निवासी घनश्याम बंजारे और गुलाब अनंत की भी मौत शराब पीने से जुड़ी बताई गई है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर समय रहते इस अवैध कारोबार पर रोक नहीं लगाई गई, तो गांव में और भी भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।ग्रामवासियों ने यह भी बताया कि गांव में पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी शराबियों से मिलीभगत कर रहे हैं, जिसके चलते यह धंधा फल-फूल रहा है। शराब विक्रेता अक्सर पुलिस की मौजूदगी में भी खुलेआम शराब बेचते हैं और कोई डर नहीं रखते। ग्रामीणों ने मांग की है कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की जाए और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए।आवेदन में ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि इस बार प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई नहीं की जाती है, तो संपूर्ण ग्रामवासी आंदोलन और चक्काजाम करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि गांव के हित और बच्चों के भविष्य की रक्षा के लिए वे हर स्तर पर संघर्ष करेंगे।
ग्रामीणों ने प्रशासन से की ये तीन मांगें:1. अवैध शराब की बिक्री करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।2. पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाए।3. यदि कार्रवाई नहीं होती है तो गांव के लोग सामूहिक रूप से आंदोलन करेंगे।ग्रामीणों ने अंत में कहा कि यह केवल एक कानून-व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि पूरे गांव के भविष्य से जुड़ा हुआ मुद्दा है। शराब की वजह से गांव का माहौल बिगड़ रहा है, परिवार टूट रहे हैं और युवा पीढ़ी गलत राह पर जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पुलिस अधीक्षक इस मामले को गंभीरता से लेकर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करेंगे ताकि गांव को नशामुक्त बनाया जा सके।












