डेस्क खबर खुलेआम
रायगढ़ :- छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के लैलूंगा क्षेत्र में गौ तस्करी का सिलसिला पिछले कुछ सालों से बदस्तूर जारी है । आपको बता दें कि तस्करों के द्वारा पार किये जाने वाले अधिकांश गौ वंश उम्र दराज होते हैं तथा उससे भी अधिक मात्रा में गाय, बैल और छोटे – छोटे दूध मूहें बछड़े एवं बछिया के साथ – साथ बूढ़े बैल जो कोई काम के नही होते उस मवेशीयों को सीधे बूचड़ खानों मे कटिंग के लिए ले जाया जाता है, जो थमने का नाम नही ले रहा है । गौर करने वाली बात तो यह है ।
कि जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार थी तब तक लैलूंगा विकास खण्ड के ग्राम पंचायत किलकिला के आश्रित ग्राम हाडीपानी का मवेशी बाजार बंद था । लेकिन जब प्रदेश में भाजपा कि सरकार बनी तो एकाएक ऐसा क्या हो गया जो कि किलकिला ग्राम पंचायत के हाड़ीपानी गाँव में लगने वाली साप्ताहिक बाजार में पुन: मवेशी बाजार लगना प्रारम्भ हो गया । गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के विकास खण्ड लैलूंगा के अंतिम छोर में स्थित ग्राम पंचायत किलकिला और हाड़ीपानी गाँव पड़ोसी राज्य ओडिसा से लगा हुआ है । जिसके कारण यह क्षेत्र गौ तस्करों के लिए सेफ कैरीडोर माना जाता है । जहाँ से गौ तस्करों को हाड़ीपानी बाजार के कुछ ही दूर ले जाकर गौ वंशो के चारों पैर को बाँधकर जमीन पर पटक कर गिराने के बाद कील यानी ( नाल ) ठोंक दिया जाता है । जबकि यह सीधे तौर पर पशु क्रुरता अधिनियम के अंतर्गत गैर संवैधानिक माना जाता है । उसके बावजूद गौ तस्करों का यह काले कारोबार पिछले कई दशकों से लगातार फल फूल रहा है । बीच – बीच में लैलूंगा पुलिस प्रशासन के द्वारा कई मरतबा गौ तस्करों के खिलाफ कार्यवाही की जाती रही है । जिसके बाद भी यह गौ तस्करी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है । सबसे दिलचस्प बात यह है कि हाड़ीपानी मवेशी बाजार का बगैर नीलामी हुए मनमाने तरीके से अवैध रुप से मवेशी बाजार का संचालन किया जा रहा है । जबकि मवेशी बाजार संचालन हेतु उप संचालक पशुधन विकास विभाग एवं स्वास्थ्य सेवाएं जिला रायगढ़ छत्तीसगढ़ से बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के अवैध तरीके से मवेशी बाजार संचालन करने वालों में से गोपाल यादव, ललित यादव, उदासन यादव, पूर्व सरपंच भोगदेव पैंकरा, मन्नू पैंकरा के द्वारा अवैध गौ तस्करी करने का मामला प्रकाश में आया है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आपको यह भी बता दें कि साप्ताहिक बाजार हाड़ीपानी हेतु पंजीकृत तिथि गुरुवार निर्धारित है जिसे गौ तस्करों के द्वारा कभी मंगलवार तो कभी बुधवार को मनमाने ढंग से संचालित कर गौ तस्करी को बढ़ावा दिया जा रहा है । अब यह देखना होगा कि स्थानीय शासन प्रशासन तथा हिन्दू एकता मंच व गौ सेवकों के द्वारा गौ तस्करी के रोकथाम के लिए क्या कुछ ठोस रणनीति बनाई जाती है । यह तो समय आने पर ही पता चल सकेगा ।*