
खबर खुलेआम
रायगढ़/तमनार। जिले में सामाजिक बुराइयों पर लगाम कसने के दावे जितने बुलंद किए जा रहे हैं, तमनार थाना क्षेत्र में उतनी ही तेजी से कानून की धज्जियाँ उड़ रही हैं। ढोलनारा, सराईडीपा, चिर्रामुड़ा, टांगरघाट, बासनपाली, बरकसपाली जैसे गांवों में इन दिनों ‘खुड़खुड़िया जुआ’ का फड़ सरेआम सजाया जा रहा है, वो भी पुलिस की नाक के नीचे और आरक्षक की कथित सरपरस्ती में संचालित हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, हर एक मेले में जुआ खिलाने के एवज में तमनार थाना के एक आरक्षक द्वारा 40 से 60 हजार रुपये की वसूली की जा रही है। बदले में जुआरियों को ‘सुरक्षित माहौल’ मुहैया कराया जाता है, जहाँ प्लास्टिक के तंबू तनते हैं, दरी बिछती है, और लाखों के दांव पर हर रात महफिल सजती है।यह शर्मनाक स्थिति तब है जब जिले के पुलिस अधीक्षक सामाजिक बुराइयों के खिलाफ कड़ा अभियान चला रहे हैं। लेकिन स्थानीय थाना प्रभारी और मातहत कर्मचारी कप्तान की नीतियों की खुलकर धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। तमनार थाना क्षेत्र मानो ‘खुड़खुड़िया मेला जोन’ बन गया है जहाँ जुआ और आरक्षक की गठजोड़ से कानून खुद सवालों के घेरे में है। जिले की सायबर सेल और अन्य विशेष टीमें जहां अंतरराज्यीय गिरोहों तक को पकड़ रही हैं, वहीं सार्वजनिक स्थलों पर खुलेआम जुआ चलना और प्रशासन की अनदेखी संदेहास्पद है। क्या पुलिस की पैनी नजर केवल सोशल मीडिया पोस्टों पर ही है? क्या ग्रामीण क्षेत्रों में फैलती यह सामाजिक बुराई कप्तान की प्राथमिकताओं में नहीं ?अगर यह सब कुछ आरक्षक की मिलीभगत से हो रहा है, तो यह न केवल विभागीय भ्रष्टाचार का जीवंत उदाहरण है, बल्कि आम जनता के भरोसे के साथ खुला विश्वासघात भी है। अब देखना यह है कि कप्तान इस ‘खुड़खुड़िया गठजोड़’ पर कब तक चुप रहते हैं, या फिर कोई कठोर कदम उठाकर भ्रष्ट तंत्र में हलचल लाते हैं।