डेस्क खबर खुलेआम बज्रदास महंत की रिपोर्ट
लैलूंगा/ होने वाले लोग लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए चुनाव आयोग विभिन्न प्रकार के जतन कर रही है जैसे मतदाता जागरूकता अभियान तो कहीं नव मतदाताओं का नाम मतदान सूची में शामिल करने का कार्यक्रम चुनाव आयोग पूरी तत्परता से लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष कराने के लिए कृत संकल्पित नजर आ रही है। परंतु सवाल यह है की लैलूंगा मुख्यालय के विभिन्न विभागों में सालो से पदस्थ अधिकारी कर्मचारियो का स्थानांतरण नही होने से चुनाव कार्य को प्रभावित करने की संभावना जताई जा रही हैं जनपद पंचायत एवं तहसील मुख्यालय सहित अन्य विभागों में दो दशक से अधिक समय तक पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों का जनता तक सीधे संपर्क होने से चुनाव में कई तरह के संसय को जन्म दे रही है।
लैलूंगा ब्लॉक में चुनाव आयोग की नही पड़ी नजर
लैलूंगा ब्लाक में निरंतर लंबे समय से पदस्थ अधिकारी कर्मचारी एवं बाबुओं के द्वारा चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सकता है यहां कई विभाग ऐसे हैं जहां 20-20 सालो से अधिकारी कर्मचारी डटे हुए हैं जिनका स्थानीय लोगों से सीधा संपर्क होने के कारण चुनाव में इसका खासा असर देखने को मिलेगा चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव को लेकर ऐसे अधिकारी कर्मचारियों को संज्ञान में लेते हुए उनका स्थानांतरण अति शीघ्र करना था परंतु चुनाव आयोग की नजर रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड मुख्यालय पर नही पड़ी जिससे सालो से पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों का तबादला नही हो पाया जिससे लोकसभा में निष्पक्ष चुनाव होना सोचनीय विषय है।
सत्ता परिवर्तन के पश्चात भी नहीं हुई यहां जमे अधिकारी कर्मचारियों के ऊपर कारवाई
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हुआ और यहां देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार सप्तशरीन हुई तो ऐसा महसूस हुआ कि यहां भी अब एक नए सिरे से प्रशासनिक बदलाव होकर कुशल प्रशासनिक कार्य संपन्न होंगे परंतु ऐसा नहीं हुआ वही पुरानी पद्धति आज भी चल रही है जिससे आपकी जनता मायूस नजर आ रही है।