वन विभाग की उदासीनता के पीछे आखिर कोई निजी स्वार्थ तो नही….
रायगढ़ – जिले के प्लांटो के सप्लायर बहुत ज्यादा सक्रिय है जो की पैसों के लालच में भोले-भाले किसानों को अपने बहकावे में लेकर पंचायत प्रस्ताव बनाकर पर्यावरण विभाग से फ्लाई ऐश की डंपिंग का परमिशन त्वरित ले लेते है तो कही बिना परमिशन के ही फ्लाई ऐश को भी डंप कर दिया जाता है जिससे की जिले में हर दिन शिकायत सामने आ रही है। जिम्मेदार पर्यावरण विभाग की उद्योगों पर नकेल कसने में नाकाम है यही वजह है कि जिले में चारो ओर राखड़ का पहाड़ सड़क किनारे खेत खलिहान, जंगल नदी में भी डंप हो रहा है जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त, खेत खलिहान व रायगढ़ जिले की हवा प्रदूषित हो रही है।
आपको बतादे की घरघोड़ा तहसील के भेंगरी स्थित टीआरएन प्लांट द्वारा इनदिनों छोटेगुमडा पंचायत में नहर से लगी किसान के खेत में फ्लाई ऐश बहती हुई नाला के किनारे डंप किया जा रहा है जो एनजीटी के नियम के विरुद्ध है क्यूंकि बरसात के दिनों में राखड़ नाला धस जायेगा और राखड़ हवा में उड़कर पानी के मिल जायेगा जिससे पानी दूषित हो जाएगा जिससे वन्य प्राणियों और गांव के गाय बैल जो नाला का पानी पाएंगे उनको इसका दुष्प्रभाव पढ़ रहा है ।
जिस जंगल रास्ते से फ्लाई ऐश को डंप करने के लिए ले जाया जा रहा है क्या वन विभाग द्वारा परमिशन लिया गया है क्यूंकि फ्लाई ऐश को जंगल के रास्ते जाने से उसके रख से मार्ग के दोनो के पेड़ पौधे राख की परत से ढक गए है जो की जिसका दुष्प्रभाव धीरे से दिखना शुरू हो जाएगा फ्लाई ऐश को जिस रास्ते से लेजाकर डंप किया जा रहा है उस जगह पानी का छिड़काव भी नही किया जा रहा है, फ्लाई ऐश को लेजाने के लिए टेंडा नवापारा, टेंडा और गुमड़ा का प्राकृतिक हृदय स्थल द्वारा मंदिर के सामने से होकर लेजाया जा रहा है जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश भी है जो की जंगलों के बीच ग्रामीणों का एक देव स्थल है, जब से फ्लाई ऐश इस वन विभाग के रास्ते से लेकर जाया जा रहा है इस रास्ते और मंदिर की स्वच्छ वातावरण की दुर्दशा ही हो गई है , इस रास्ते से गुजरने वाले राहगीर भी अब डस्ट से परेशान होने के साथ गुमड़ा से नवापारा स्कूल जाने वाले सैकड़ों छात्र जान जोखिम उठाकर पढ़ने जाने को मजबूर है