



डेस्क खबर खुलेआम पावेल अग्रवाल
धरमजयगढ़:- महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिनांक 07/04/2023 को असम के कांजीरंगा नेशनल पार्क गज उत्सव में हाथियों के गलियारो कों सुरक्षित रखने कि जानकारी देते हुए अपने उदबोधन में उन्होंने हाथियों के गलियारों को सुरक्षित रखने का अहवान किया गया था और इसी विषय को लेकर आज धरमजयगढ़ सहित आसपास के ग्रामीणों ने राष्ट्रपति सहित अन्य सात विभागो के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।आपको बता दे कि रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मण्डल में कुल 6 रेंज है जिसमें वन भूमि का कुल रकबा 171341.9 हे0 है। हाथी सबका साथी के आयोजक सजल कुमार मधू ने जानकारी देते हुए बताया की वन मण्डल धरमजयगढ़ में 21/12/2001 से आज दिनांक तक 155 ग्रामीणों की मृत्यु हाथियों के कुचलने से हो चुकी है वहीं 03/12/2005 से आज दिनांक तक 59 जंगली हाथियों की अलग-अलग कारणों से मृत्यु हुई है।साथ ही वन मण्डल धरमजयगढ़ के वन परिक्षेत्र छाल एवं वन परिक्षेत्र धरमजयगढ़ में सबसे ज्यादा जनहानि हुआ है अब तक 105 ग्रामिणों की जंगली हाथियों के कुचलने से मौत हुई है तथा इन्हीं दोनों वन परिक्षेत्र में सबसे ज्यादा हाथियो की मृत्यु भी सामने आई है।अब तक 52 हाथियों की मौतें अलग-अलग कारणों से हुई है। धरमजयगढ़ अनुविभागीय अधिकारी (रा0) डिगेश पटेल को राष्ट्रपति सहित केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री सहित 8 विभाग को ज्ञापन सौपा उक्त ज्ञापन भूपेन्द्र यादव, मंत्री पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार, एस0 पी0 यादव, ए0डी0जी0 पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, इंदिरा पर्यावरण भवन, जोरबाग रोड नई दिल्ली रमेश कुमार पाण्डेय वन संरक्षण (एफसी) भारतीय वन सेवा संयुक्त सीईओ कैंपा परियोजना हाथी (पीई) पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, इंदिरा पर्यावरण भवन, जोरबाग रोड नई दिल्ली, प्रहलाद जोषी, मंत्री कोयला मंत्रालय भारत सरकार, राज्यपाल छग भूपेष बघेल मुख्यमंत्री एवं वन मंत्री मोहम्मद अकबर के नाम पत्र से अवगत कराते हुए ,हाथियो को सुरक्षा को लेकर ठोस चिंतन करने की बात कही।

17 कोल ब्लॉक की नीलामी पर रोक लगाने की मांग
वन मण्डल धरमजयगढ़ के वन परिक्षेत्र छाल एवं वन परिक्षेत्र धरमजयगढ़ में कुल 17 ओपन कोयला खदान प्रस्तावित है, उक्त ओपन खदान बायसी, चैनपुर, छाल, दुर्गापुर-शाहपुर (दुर्गापुर 2 सरिया दुर्गापुर 2 तराईमार, कर्नाटक पाॅवर) फत्तेपुर, फतेपुर ईस्ट, नवगांव, ओंगना-पोटिया, फतेपुर, फुटामुरा, पुरूँगा, रामनगर, शेरबन, तेन्दुमुड़ी, वेस्ट ऑफ बायसी, जिसमें से तीन खदान दुर्गापुर-शाहपुर एस. ई. सी.एल. (दुर्गापुर 2, सरिया दुर्गापुर 2 तराईमार, कर्नाटक पाॅवर) पुरूँगा अडानी को नीलामी में मिल चुका है, उक्त तीनों खदान प्रक्रिया में है, बाकी बचे 14 खदानों की नीलामी किया जाना है। इन 17 खदानों में उक्त दोनों रेंज के कुल रकबा 36041.771 हे0 घने जंगल लगभग पुरी तरह बर्बाद हो जायेगा। जिससे हाथियों के गलियारे सुरक्षित रहना संभव नहीं है। इस मामले को लेकर ग्रामीणों द्वारा शासन को संज्ञान में लेने और कंपनियों की नीलामी रद्द करने की मांग की जा रही है


