डेस्क खबर खुलेआम ( बड़ी खबर )
रायगढ़ – जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र से मामला सामने आ रहा कि पूरे राज्य में 26 जून को शाला प्रवेशोत्सव अति हर्षोल्लास पूर्ण किया गया वहीं तमनार विकासखंड के ग्राम पंचायत कचकोबा के स्कूल का मामला प्रकाश में आया कि 26 जून को शाला प्रवेशोत्सव को लेकर यह खींचतान कि परिस्थिति पैदा हो गई। जहां स्कूल प्रवेश को लेकर प्रधान पाठक खेमराज तिवारी द्वारा सिर्फ स्कूल संस्था के अध्यक्ष को ही सूचित कर बुलाया गया। जहां और अन्य सदस्य एवम् पदाधिकारियों को सूचित नही किया गया अपितु शाला प्रवेशोत्सव मनाया गया। जिसमे गांवो के जनप्रतिनिधि एवम ग्रामीण पालक जनों में आक्रोश व्याप्त है ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक तिवारी पूर्व से ही मनमानी रवैए से बाज नहीं आ रहे जो अपनी मनमर्जियो के राजा है। जो जब मन लगे स्कूल आते हैं। जब मन लगे चले जाते है और स्कूल आही जाते हैं। तो किसी प्रकार पाठ्य पुस्तकों को बच्चों को नही पढ़ाते जब उनका मन करता है। तब पढ़ाते हैं ऐसा रहा तो बच्चें अपनी भविष्य शिक्षा को अंधकार में जानें को मजबूर हो जाएंगे और हम यह नहीं चाहते कि बच्चों का भविष्य खराब हो।
विदित हो पूर्व में भी प्रधान पाठक तिवारी के विरोध में ग्रामीणों द्वारा शिकायत किया जा चुका है ।पर कोई किसी भी प्रकार कार्यवाही नहीं हुआ। पर अब ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त, कहते हैं कि जब तक शिक्षक तिवारी को स्कूल से स्थांतरित या बहरहाल नहीं किया जाता तब तक स्कूल ताला जड़ा रहेगा और नही बच्चे पढ़ने आयेंगे
वहीं पंचायत ग्रामीण शिक्षक की लापरवाही एवं दुर्व्यवहार को लेकर शिकायत पर समझाइस के लिए पहुंचे विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी एवम सहायक खण्ड शिक्षा अधिकारी के समक्ष गांव वालों ने शिक्षक खेमराज तिवारी के बारे में बताया। कि कभी स्कूल में पढ़ाते नही है और जनप्रतिधियो के साथ अभद्र व्यवहार करते है तब अधिकारी द्वारा उक्त शिक्षक को अन्य स्थान पर हटाने की बात कहते हुए स्कूल खुलवाया गया। पर देखने वाली बात यह है ।कि क्या ऐसे लापरवाह शिक्षक को पद में बने रहना उचित है। जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता हो क्या ऐसे शिक्षकों के भरोसे हम भारत के भविष्य को संवारने का बीड़ा उठाएंगे ।
तमनार से ओंकारेश्वरमहंत की रिपोर्ट