आदिवासी पीड़ित महिला प्रार्थिया ने बताया कि पति स्व पुरुषोत्तम लाल गोंड के द्वारा ग्राम बड़े भंडार प ह न – 30 (23) रा.नि.म. बड़े भंडार तहसील-पुसौर जिला – रायगढ़ (छ.ग.) में स्थित भूमि खसरा न -202/4 कुल रकबा 0.085 हेक्ट (0.21 Acre) को पंजीकृत विक्रय पत्र के माध्यम से रतिराम भोय पिता शिवचरण जाति-संवरा से दिनांक 19.11.2022 को खरीदा था उसके पश्चयात उक्त भूमि को नामांतरण करने हेतु पटवारी हल्का श्री छबिलाल पटेल से संपर्क करने पर नामांतरण हेतु पचास हजार रुपये की मांग की गई जिसे नहीं देने पर पटवारी द्वारा नामांतरण को निरस्त करने की धमकी दी गई साथ ही तहसीलदार न्यायालय में आवेदन करने हेतु बोला गया। उसके पश्च्यात मेरे पति के द्वारा न्यायालय तहसीलदार पुसौर में नामांतरण हेतु आवेदन किया तथा उक्त प्रकरण का सुनवाई हेतु दिनांक 02 जनवरी 2023 को प्रारंभ किया गया तथा प्रकरण के लंबनकाल में मेरे पति पुरुषोत्तम लाल गोंड का निधन दिनांक 03 जनवरी 2023 को ग्राम डोड़की तहसील सक्ति जिला सक्ति में हो गया तथा अधिवक्ता के माध्यम से उक्त प्रकरण का नकल निकालने पर ज्ञात हुआ की रायगढ़ एनर्जी जनरेशन लिमिटेड के अधिकारी श्री किशोर राउत और तहसीलदार पुसौर श्री नंदकिशोर सिन्हा के द्वारा सांठगाठ करके हल्का पटवारी के प्रतिवेदन के आधार पर उक्त नामांतरण आवेदन को दिनांक 10 फरवरी 2023 को निरस्त कर दिया गया है।
खरीदी की गई भूमि के चौहद्दी से स्पष्ट है की उक्त भूमि कोरबा वेस्ट पावर कंपनी (रायगढ़ एनर्जी जनरेशन लिमिटेड कंपनी लिमिटेड) के बाउंड्री वाल के अंदर स्थित है. तहसीलदार पुसौर के न्यायालय के आदेश के संपूर्ण दस्तावेज को अवलोकन करने से स्पष्ट होता है की मेरे पति पुरुषोत्तम लात गोड जिनका मृत्यु दिनांक 03 जनवरी 2023 को होने के बाद भी तहसीलदार पुसोर के द्वारा दिनांक 16 जनवरी 2023 को नोटिस तमिल कैसे हो गया जबकि मेरे पति की मृत्यु हो चुकी थी तो नोटिस में उनका हस्ताक्षर कौन किया है और मरे हुए आदमी को नोटिस कैसे तमिल हुआ है जो जाँच का विषय है। मेरे पति पुरुषोत्तम लाल गोंड का शपथपत्री बयान किस दिनांक को लिया गया है जबकि उनकी मृत्यु हो चुकी थी और उनका हस्ताक्षर किसने किया है।
कंपनी के किशोर राउत के द्वारा नामांतरण में आपत्ति किया गया है रायगढ़ एनर्जन व विक्रेता ( रतिराम भोय) के मध्य अनुबंध था एवं तत्कालीन कलेक्टर से विक्रय अनुमति प्राप्त किया था जो पूर्णतः गलत कथनो पर आधारित है क्योंकी तत्कालीन कलेक्टर महोदय श्रीमती अलरमेलमंगाई डी ने उक्त भूमि को बेचने हेतु कोरबा वेस्ट पावर कंपनी लिमिटेड कंपनी को बेचने की अनुमति नियम शर्तों के साथ दी गई थी लेकिन वर्तमान में और वर्ष 2019 से कोरवा वेस्ट पावर कंपनी का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। NCLT COURT AHMADBAD BENCH के आर्डर के तहत कोरबा वेस्ट पावर कंपनी लिमिटेड के दिवालिया शोधन क्षमता के तहत कोरवा वेस्ट पावर कंपनी समाप्त हो गया है। इस आधार पर तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा दी गई अनुमति स्वमेव निरस्त हो जाता है साथ ही उक्त आदेश की समयावधि एक वर्ष के भीतर पालन करना था जो नहीं किया गया वैसे भी उक्त भूमि बेचने की अनुमति का आवेदन विक्रेता श्री रतिराम भोप के द्वारा प्रस्तुत किया गया था जो रतिराम भोय के भूमि बेचने के इच्छा पर निर्भर था। वर्ष 2017 से जब भूमि बेचने की अनुमति प्राप्त थी तो विक्रेता रतिराम भोष ने विगत 6 वर्षों से उक्त भूमि को कंपनी को क्यों नहीं बेचा, साथ ही कंपनी क्यों नहीं लिया क्योकि विक्रेता रतिराम भोय उक्त भूमि को कंपनी को बेचना ही नहीं चाहता था जो स्पष्ट है।
तहसीलदार पुसौर के द्वारा नामांतरण आदेश पारित किये बिना हल्का पटवारी 23 को राजस्व अभिलेख दुरुस्त किये जाने हेतु ज्ञापन जारी किया जाना जिसमे प्रकरण क्रमांक और दिनांक का उल्लेख नहीं है का भी जाँच किया जाना आवश्यक है किस प्रकार से तहसीलदार द्वारा मनमाने रूप से आदेश पारित किया जाता है। उपरोक्त विषय पर जाँच करने पर स्पष्ट हो जायेगा की तहसीलदार पुसौर द्वारा किस प्रकार से फर्जी रूप से आदेश पारित करने का आरोप लगाया है।
तहसीलदार पुसौर नंद किशोर सिन्हा को तत्काल निलंबित किया जाये और उसके ऊपर उचित कार्यवाही करने की मांग की गई है ।