



दर्ज हो सकता है सी०वी० रमन विश्वविद्यालय के खिलाफ मुकदमा ?
बिलासपुर: सीवी रमन विश्वविद्यालय बिलासपुर से एक बड़ा मामला निकलकर सामने आया हैं! जहा मुक्त एवम दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से एमबीए एचआर + मार्केटिंग 2012-2013 की पढ़ाई करने पृर्ण करने वाले विद्यार्थी खुशाल चन्द्र केशरवानी पिता स्व. श्री विश्वनाथ केशरवानी निवासी बाराद्वार का है जिन्होंने 1 अगस्त को इंडसइंड बैंक में असिस्टेंट मैनेजर की नौकरी प्रारंभ की ! इंडसइंड बैंक में नौकरी करते हुए समस्त कर्मचारी की ही भांति उनका एमबीए की अंक सूची और डिग्री के सत्यापन का कार्य थर्डपार्टी कंपनी मैट्रिक्स बिजनेस सर्विस प्रा. लि. जो उनके कर्मचारी के दस्तावेजो के सत्यापन का कार्य करती है।
सीवी रमन विश्वविद्यालय द्वारा पहले तो दिनांक 07/11/2022 को खुशाल चन्द्र केशरवनी के अंक सूची एवम डिग्री को एक पत्र जारी कर फर्जी करार दे दिया गया ! उसके बाद खुशाल चन्द्र केशरवानी द्वारा दिनांक 14/02/2023 को स्वयं मैट्रिक्स बिजनेस सर्विस प्रा. लि. के कर्मचारी की उपस्थिति में सत्यापन कराने विश्वविद्यालय पहुँचा जहाँ मामले को तूल पकड़ता देख कर विश्वविद्यालय द्वारा एक पत्र जारी कर लिपकीय त्रुटि करार दे कर मामला रफा दफा करने की कोशिश की !
उपरोक्त संबंध में खुशाल चन्द्र केशरवानी ने बताया कि विश्वविद्यालय की इस हरकत के कारण उनकी नौकरी जाते जाते बची और उन्हें ई मेल के माध्यम से फर्जी अंक सूची इंडसइंड बैंक को देने का कारण बताकर इंडसइंड बैंक ने उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने की भी बात की थी ! खुशाल चन्द्र केशरवानी इस घटना से बहुत दुःखी है उन्होंने कहा की अगर उनके साथ ऐसा किया जा रहा है तो गरीब विद्यार्थियों के साथ कैसा होता होगा ?
वहीं आगे जानकारी देते हुए केशरवानी ने बताया कि सीवी रमन विश्वविद्यालय द्वारा किसी अन्य विद्यार्थी के भविष्य से इस तरह ना खेला जाए इसी उद्देश्य से वो सीवी रमन विश्वद्यालय के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने जा रहे है!














