

खबर खुलेआम
गारे पेलमा सेक्टर-1 कोयला खदान परियोजना से जुड़ी प्रस्तावित जनसुनवाई को लेकर जिंदल पावर लिमिटेड ने औपचारिक रूप से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। कंपनी ने 29 दिसंबर 2025 को जारी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट किया है कि क्षेत्र में बने तनावपूर्ण हालात, हिंसक घटनाओं और आगजनी के कारण जनसुनवाई के आवेदन को वापस लेने का निर्णय लिया गया है।प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार गारे पेलमा सेक्टर-1 कोयला खदान की 8 दिसंबर 2025 को प्रस्तावित जनसुनवाई के विरोध में संबंधित ग्रामवासियों द्वारा 12 दिसंबर से आंदोलन शुरू किया गया था।

यह आंदोलन 27 दिसंबर 2025 को उग्र हो गया, जब रायगढ़ क्षेत्र में पुलिस बल और जिंदल पावर के कर्मचारियों पर जानलेवा हमला किया गया, जिसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आईं। इसी दौरान कंपनी के कोल हैंडलिंग प्लांट में आगजनी की घटना भी हुई, जिससे कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।इन घटनाओं के बाद रायगढ़ कलेक्टर द्वारा 28 दिसंबर 2025 को जनसुनवाई को निरस्त करने संबंधी पत्र जारी किया गया।
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जिंदल पावर ने कलेक्टर के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा है कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए जनसुनवाई के लिए दिया गया आवेदन वापस लिया जा रहा है।कंपनी ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया है कि जिंदल पावर स्थानीय जनभावनाओं का सम्मान करती है और जब तक संबंधित ग्रामवासियों का समर्थन इस परियोजना के पक्ष में नहीं होगा, तब तक इस दिशा में कोई भी आगे की कार्यवाही नहीं की जाएगी। साथ ही यह संकेत भी दिया गया है कि यदि भविष्य में परिस्थितियां सामान्य होती हैं और जनसमर्थन प्राप्त होता है, तो जनसुनवाई के लिए पुनः आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है।जिंदल पावर की इस प्रेस विज्ञप्ति की प्रतिलिपि सूचनार्थ रायगढ़ कलेक्टर एवं धरमजयगढ़ के उपखंड अधिकारी को भी भेजी गई है।












