पुलिसिया छाया में खिल उठा ‘खुड़खुड़िया मेला’ …. जुआ प्रेमियों को खुला आमंत्रण

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डेस्क खबर खुलेआम

केराखोल में आज शाम से सजेगी महफ़िल

रायगढ़ / तमनार – केराखोल में विकास की धीमी रफ्तार से ऊबे ग्रामवासी और तमनार-घरघोड़ा बॉर्डर के चिन्तित नागरिकों के लिए एक राहत भरी खबर! आज बुधवार को केराखोल में विशेष पुलिसिया संरक्षण में भव्य ‘खुड़खुड़िया जुआ महोत्सव’ का आयोजन किया गया है। इस ऐतिहासिक आयोजन की खासियत यह है कि इसमें न तो कोई डर है, न ही कोई भागदौड़। जुआ खेलने वाले बिना किसी भय के, पूरी शांति और सुरक्षा के साथ “खुड़खुड़-खुड़खुड़” करते हुए अपना पैसा गंवा सकते हैं।

विशेष सुरक्षा इंतज़ाम,चाक चौबंद व्यवस्था

आयोजकों ने बताया कि जुआरियों की सुविधा और मानसिक शांति के लिए पुलिस बल पूर्व से ही तैनात है, ताकि कोई “बाहरी तत्व” जैसे ईमानदार नागरिक, पत्रकार या नैतिकता की दुहाई देने वाला कोई नेता आयोजन को बाधित न कर सके।नियम भी बनाए गए हैं (पर केवल दिखावे के लिए)

■हारे तो भी मुस्कुराइए, क्योंकि “खेल भावना” ही सब कुछ है।

■जीतने पर पुलिस को “मिठाई” देना न भूलें।

■पत्रकारों को दूर रखें, वरना फोटो के साथ “खबर” बन जाएगी।

ग्रामवासियों की प्रतिक्रिया,आगे भी हों ऐसे आयोजन

एक बुजुर्ग ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “बेटा, जब सड़क नहीं बनी, अस्पताल नहीं खुला, स्कूल में मास्टर नहीं आए, तब तो कोई पूछने नहीं आया। अब जब खुड़खुड़िया चला है, तो पुलिस भी आई, टेंट भी लगा, गांव में माहौल है भीड़ है,चाय भी मिली,होटल भी सजे..ऐसा आयोजन भविष्य में भी होता रहे ऐसी इच्छा है !”

प्रशासन की चुप्पी में भी शोर है

जब हमारे संवाददाता ने प्रशासन से बात करने की कोशिश की, तो जवाब मिला, “हमें इसकी जानकारी नहीं है। अगर ऐसा कुछ हो रहा है तो जाँच करेंगे।” तो आइए, खुड़खुड़िया प्रेमियों!यह आयोजन आपके लिए है – न डर, न दंड। बस “खेलिए और हराइए”, क्योंकि जब व्यवस्था खुद चुप है, तो खेलना ही न्याय है!

खुडखुडिया टीम के विशेष मेंबर के सहयोग से प्राप्त जानकारी अनुसार – केराखोल से विशेष संवाददाता कि रिपोर्ट

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