



खबर खुलेआम
घरघोड़ा :- आदिवासियों की ज़मीन पर जबरन कंपनी का कब्जा शासन-प्रशासन की मिलीभगत और सांसद की चुप्पी आज इस बात की गवाही दे रही है कि आदिवासियों की ज़िंदगी और ज़मीन, सत्ता के सौदागरों के लिए बस एक सौदा भर है।ब्लैक डायमंड कंपनी द्वारा आदिवासी बहुल ग्राम डोकरबुड़ा, राबो, गतगांव और हर्राडीह की ज़मीन पर कब्जा करने की कोशिशों के खिलाफ लंबे समय से ग्रामीणों का विरोध जारी है।

इसके बावजूद प्रशासन ने जंगल की ज़मीन का डायवर्सन करके यह जता दिया कि उसे न तो संवैधानिक अधिकारों की परवाह है, न ही जनभावनाओं की। आज जब कंपनी भूमि पूजन कर काम शुरू करने वाली थी, तब गांव की महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने एकजुट होकर विरोध दर्ज कराया, और इसी जनआक्रोश के चलते कंपनी को कार्यक्रम रद्द कर बैरंग लौटना पड़ा। यह सिर्फ विरोध नहीं, सत्ता के अत्याचार के खिलाफ जनसंघर्ष का ऐलान है। ग्रामीण आदिवासियों का कहना है कि यह विरोध एक जंग है हक, अस्तित्व और आत्मसम्मान की।


