पुलिस#डेस्क खबर खुलेआम …………..
पत्थलगांव की कई सड़कों से ट्रैफिक का निकलना चुनौती बना हुआ है। पैदल और दोपहिया वाहन सवार तो जैसे-तैसे निकल जाते हैं, लेकिन बड़ी गाड़ियों को निकलने की जगह नहीं मिल पाती है। सड़कों पर रखे कबाड़ और यहां खड़ीं गाडियो की वजह से लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है नगर पंचायत अधिकारी भी समस्या से वाकिफ हैं। साथ ही कब्जों से निपटने में अपनी नाकामी भी स्वीकार कर चुके हैं। नगर पंचायत अधिकारी का कहना है कि कई बार एक्शन लिया जा चुका है, लेकिन कुछ ही दिन में फिर से हालात जस के तस हो जाते हैं।बाजार पारा मोड़ से मैरिज गार्डन तक जा रही 70 फुटा रोड पर सुबह से शाम तक कबाड़ी देखे जा सकते हैं। करुमहुवा से लगती इस रोड पर सैकड़ों बोरियों में कबाड़ रखा रहता है। रोड पर ही इन बोरियों से कबाड़ रखा रहता है।रोड पर ही इन बोरियों से कबाड़ निकाल कर उसकी छंटाई शुरू होती है। शाम तक कबाड़ से अलग किए गए सामान को बोरियों में भरकर बेचने के लिए सड़क पर ही रख दिया जाता है। देर शाम या सुबह टैंपो उस कबाड़ को ले जाते हैं। अगले दिन फिर नया कबाड़ रोड पर छांटने के लिए फैला दिया जाता है।लोगों ने बताया कि रोड पर भारी मात्रा में बिजली, इंटरनेट के तारों को मेटल निकालने के लिए जलाया जाता है। इससे प्रदूषण बढ़ रहा है। इस रोड के अलावा अंबिकापुर रोड बजरंग नगर , कब्रिस्तान रोड और उसके आसपास की कॉलोनियों की गलियां कबाड़ियों के अड्डे बने हुए हैं।नगर में चोरी की छोटी मोटी वारदात होती रहती है पर उसके लिए जनता पुलिस के पास नही जाती और छोटा मोटा समान चोरी कर इन काबाडीओ के यहां ही बेचा जाता है और इनके माध्यम से ही शहरों में चोरी की वारदात बढ़ी है कबाड़ियों को लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है पर ये गलत तरीके से सांठगांठ करके काबाड़ी का धंधा करते हैं स्थानीय प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी इन काबाड़ियो पर कोई कारवाही नही होती है कबाड़ियों को कानून डर ही नहीं है। कबाड़ियों पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यवाही नही होने से उनके हौसले बुलंद हैं। देखना होगा कि खबर प्रकाशन के बाद पुलिस प्रशासन क्या कार्यवाही करती है