एसडीओपी दीपक मिश्रा की विवेचना में दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा

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युवती से दुष्कर्म मामले में अधिरोपित दुष्कर्म और एट्रोसिटी एक्ट में आरोपी को दिया दंड


रायगढ़ – विशेष न्यायालय (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, रायगढ़ के न्यायालय में विशेष न्यायाधीश (एक्ट्रोसिटीज एक्ट) श्री जितेंद्र कुमार जैन द्वारा थाना कापू के दुष्कर्म मामले मं) आरोपी विनोद साहू पिता ईश्वर साहू उम्र करीब 23 वर्ष निवासी ग्राम सकालो थाना कापू जिला रायगढ़ को युवती जो विशेष वर्ग की पीड़िता है जानते हुए वर्ष 2019 से मई 2021 के बीच विवाह करने का प्रलोभन देकर उससे बार-बार लैंगिक संभोग बलात्संग कारित करने का आरोप में दोषी पाकर दोष सिद्ध किया गया है । आरोपी को धारा 376(2)(ढ़) भादवि में 10 साल की सश्रम कारावास एवं ₹30,000 के अर्थदंड एवं एट्रोसिटी एक्ट 1989 की धारा 3(2)(v) में आजीवन कारावास एवं ₹30,000 का अर्थदंड से दंडित किया गया है, आरोपी को दी गई दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी । माननीय न्यायालय द्वारा अर्थदंड राशि में से अपील अवधि के पश्चात पीड़िता को 50,000 प्रति कर दिलाए जाने का आदेश दिया गया है । पीड़िता द्वारा दिनांक 04 जुलाई 21 को थाना कापू में आरोपी के विरूद्ध शादी का प्रलोभन देकर शारीरिक शोषण की रिपोर्ट दर्ज कराया गया था, जिस पर अप.क्र.78/2021 धारा 376 IPC का अपराध तत्कालीन थाना प्रभारी कापू उप निरीक्षक धनीराम राठौर द्वारा पंजीबद्ध किया गया । मामले में महिला पुलिस अधिकारी निरीक्षक अंजना केरकेट्टा तत्कालीन थाना प्रभारी धरमजयगढ़ द्वारा एफआईआर एवं पीड़िता का कथन लिया गया । उप निरीक्षक धनीराम राठौर द्वारा प्रारंभिक विवेचना कर आरोपी की गिरफ्तारी कर प्रकरण में एट्रोसिटीज एक्ट की धारा विस्तारित किया गया जिसके बाद अग्रिम विवेचना के लिये डायरी एसडीओपी धरमजयगढ़ को प्राप्त हुई । एसडीओपी दीपक मिश्रा द्वारा विवेचना क्रम को आगे बढ़ाते हुए पीड़िता का धारा 164 CrPC के तहत न्यायालीन कथन कराया गया तथा प्रकरण में जप्त स्लाइड एफएसएल जांच के लिये भेजे और प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर धारा 376 भादवि एवं धारा 3(1) ब (1), 3(2)(5) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत चालान न्यायालय पेश किया गया । विशेष न्यायालय रायगढ़ में दोनों पक्षों की ओर से पेश किये गये अभियोजन साक्षियों, दस्तावेजों, भौतिक साक्ष्यों का माननीय न्यायाधीश द्वारा गठन परीक्षण, विश्लेषण किया गया जिसमें आरोपी को दुष्कर्म व एट्रोसिटीज की धाराओं में दोषसिद्ध पाते हुए दंड दिया गया है । प्रकरण की विवेचना श्री दीपक मिश्रा, एसडीओपी धरमजयगढ़ द्वारा किया गया है तथा मामले में राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्री अनूप कुमार साहू द्वारा मामले की पैरवी की गई है ।



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