रथ मेलों में गांव गांव सज रही खुड़खुड़िया की पट्टी
लोकल पुलिस क्यों बनी है मूकदर्शक ??
लगभग दो वर्षों बाद कोरोना के कारण लगी पाबंदियों के हटने के साथ ही त्यौहारी सीजन में चलने वाले मेले गुलजार होने लगे हैं और दो साल बाद हो रहे आयोजन के कारण लोगो की अच्छी खासी भीड़ भी जुट रही है । घरघोड़ा क्षेत्र के ग्रामो में इन दिनों रथ मेले का सीजन चल रहा जिसमें इस क्षेत्र का सबसे बड़ा जुआ खुड़खुड़िया पर दांव का खेल भी शुरू हो गया है । प्रत्येक वर्ष सजने वाले इन रथ मेलों में गोटियों और पट्टी के जरिये खेले जाने वाला जुआ खुड़खुड़िया पर जमकर दांव लगाये जा रहे हैं । हमारे ग्रामीण सूत्रों ने बताया कि 2 साल बाद मेले में खुड़खुड़िया का आनंद लेने दूर दूर से लोग आ रहे हैं और लाखों के दांव रात भर में लगाये जा रहे हैं । इन सब के बीच 2 साल लॉक डाउन को लागू करवाने हर समय नजर आने वाली स्थानीय पुलिस का इस ओर से आंखें मूंद लेना शंका को जन्म देता है
6 गोटियों पर डबल से लेकर 5 गुना तक का लालच , क्या है खुड़खुड़िया
खुड़खुड़िया जुआ में एक चटाई के साइज के बैनर में 6 कॉलम होते हैं जिनमे ताश के चार निशान ईंट, चिड़ी, पान, हुकुम तथा झण्डी-मुंडी नाम के होते हैं । इस जुए को खिलाने वाला एक टोकरी में 6 गोटियाँ रखता है जिन्हें हिलाकर उल्टा रख देता है गोटियों में हर गोटी में छः निशान होते हैं टोकरी खुलने पर दो से ज्यादा के पेयर आने पर दुगुने से 6 गुने तक रुपये मिलते हैं । इसी लालच में भोले भाले लोग अपनी कमाई लुटाते हैं जबकि अंतिम सत्य यही है कि जुए में खेलने वाले नही खिलाने वाला विनर होता है ।
लाखों का जुआ-साहब की दुआ,गाढ़ी कमाई और जमा पूंजी लुटाते लोग
जुलाई 2022 में पूरे माह क्षेत्र के ग्रामों में बारी बारी से रथ मेले का आयोजन धूमधाम से होता है जहां खुड़खुड़िया खाईवाल पट्टी पर दांव लगवाकर लाखों के वारे न्यारे रात भर में कर लेते हैं ऐसे में माह भर में करोड़ों रुपयों का दांव इस प्रसिद्ध खुड़खुड़िया जुए में लगाया जाता है । ग्रामीण और भोले भाले लोग दुगुने तिगुने रुपये के लालच में अपनी गाढ़ी कमाई यहां तक कि जमा पूंजी तक लुटा बैठते हैं । जिले भर में जहां लगातार जुए पर लगातार कार्यवाहियां हो रही हैं वहीं घरघोड़ा क्षेत्र में लगातार सज रहे इस खुड़खुड़िया जुआ पर नजरे इनायत एक अलग ही सन्देश दे रहा है ।