

खबर खुलेआम
समाचार संकलन नरेश राठिया
रायगढ़/तमनार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने तथा अवैध भंडारण पर रोक लगाने जिला प्रशासन लगातार अभियान चला रहा है। इसी क्रम में कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के मार्गदर्शन और एसडीएम घरघोड़ा दुर्गा प्रसाद अधिकारी के नेतृत्व में राजस्व एवं खाद्य विभाग की संयुक्त टीम ने तमनार तहसील के ग्राम बिजना में औचक निरीक्षण कर बड़ी कार्रवाई की।निरीक्षण में माखन गुप्ता (पिता भुनेश्वर गुप्ता) के घर से 951 बोरी अवैध धान जब्त किया गया। टीम ने मौके पर ही कार्रवाई करते हुए धान को कब्जे में लिया। एसडीएम अधिकारी ने कहा कि शासन की धान खरीदी नीति में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आगे भी ऐसी कार्रवाइयाँ जारी रहेंगी।
लेकिन अब उठ रहे हैं कई गंभीर सवाल अवैध धान आखिर पहुँचा कैसे?प्रशासन की कार्रवाई तो प्रभावी दिख रही है, लेकिन इसके साथ ही क्षेत्र में कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं—ओड़िशा सीमा के पास 5 सक्रिय चेकपोस्ट होने के बावजूद इतने बड़े पैमाने पर धान आखिर बिजना तक कैसे पहुँचा?क्या चेकपोस्ट में मिलीभगत या ड्यूटी में लापरवाही हो रही है? इतनी सख़्त निगरानी के बीच 951 बोरी धान मिलना क्या चेकपोस्ट व्यवस्था की कमज़ोरी साबित करता है?
सूत्रों का बड़ा दावा
धान सूखा तालाब वाले रास्ते से आया हो सकता हैसूत्रों के अनुसार, बिजना गांव सूखा तालाब मार्ग के काफी नज़दीक है, और यह भी संभावना है कि यह धान इसी कम निगरानी वाले रास्ते से लाया गया हो। इससे चेकपोस्ट व्यवस्था पर और अधिक प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं कि क्या प्रशासन ऐसे मार्गों पर निगरानी को नजरअंदाज कर रहा है?
कोचियों का नया खेल किसानों के घरों में धान “छिपा” कर रखना
सूत्रों की मानें तो बड़ा खेल यह भी है कि कुछ बड़े धान कोचिया और व्यापारी अपने धान को किसानों के घरों में छिपा कर रखवाते हैं, ताकि अवैध खरीद–फरोख्त पकड़ी न जाए।इसी आधार पर यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि बिजना से मिला यह धान किसी बड़े व्यापारी का भी हो सकता है, जिसकी जांच होना आवश्यक है। यह पूरा मामला अब जांच का विषय बन चुका है।
एसडीएम दुर्गा प्रसाद अधिकारी ने फिर स्पष्ट किया कि कोई भी अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।
लेकिन कही न कही सवाल उठना लाजमी है कि जब चेकपोस्ट सख़्त हैं, तो 951 बोरी धान चुपचाप कैसे गुजर गया?













