शहर में क्रिसमस और तुलसी पूजन दिवस की दोनों की दिखी धूम

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उत्सव और धार्मिक पर्वों के देश भारत में साल के अधिकांश दिनों में कोई न कोई उत्सव या पर्व मनाया जाता है। इस क्रम में 25 दिसम्बर के दिन देश के अल्पसंख्यक ईसाई भाई-बहन क्रिसमस का त्योहार भगवान ईसा मसीह के जन्मोत्सव के रूप में मनाते है। तो वहीं हिन्दू धर्म को मानने वाला एक बड़ा वर्ग आज यानि 25 दिसम्बर के दिन तुलसी पूजन दिवस मनाता है रायगढ़ शहर में आज जहाँ विश्वास गढ़ चर्च में क्रिसमस की धूम देंखने को मिली,तो वहीं शहीद हेमू कलानी चौक में उपस्थित हिन्दू युवकों ने तुलसी पूजन दिवस मनाते हुए चौक से गुजरने वाले राहगीरों को तुलसी का पौधा भेंट करते हुए और उन्हें तुलसी के औषधीय और धार्मिक महत्व पर लिखा एक पाम्पलेट भी दिया। इस विषय पर  मानस तेजवानी नाम के एक युवा ने बताया कि संत आशाराम बापू के द्वारा 25 दिसम्बर 2014 को प्रारम्भ किया गया तुलसी पूजन दिवस आज देश भर के हिन्दूओ के लिए पर्व का स्थान ले चुका है। बापू के कथनानुसार 25 दिसम्बर से 1 जनवरी के बीच दिनों में देश के हिन्दू युवा बड़ी संख्या में पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण कर प्लास्टिक के पौधे उपहार में देते है,जबकि प्रकृति के वरदान तुलसी के पौधा नकार दिया जाता है। अतः तुलसी पूजन दिवस मनाने की जरूरत आन पड़ी। गूगल सहित पूरा विश्व आज पवित्र तुलसी के पौधे का महत्व को जानने लगा है। अतः हम सबको आज 25 दिसम्बर के दिन तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाना चाहिए।

वही आज जिले भर में क्रिसमस का पर्व मसीह समाज के द्वारा धूमधाम के साथ मनाया गया । सप्ताह भर पहले से शहर के बाजारों में क्रिसमस की रौनक देखते ही बन रही थी। आज 25 दिसंबर को लोगों ने एक दूसरे से मिल हैप्पी क्रिसमस, मेरी क्रिसमस कहकर अभिवादन किया। शहर में हर तरफ खुशी का माहौल देंखने को मिला । 

क्रिसमसस पर गाया जाने वाला गीत जिंगल-बेल का स्वर रात से ही हर तरफ सुनाई देने लगा था। 24 दिसंबर की रात में शहर के रामभांठा चर्च, बोईरदादर चर्च के अलावा विश्वासगढ़ चर्च में प्रभु येशु का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। रात्रि जन्मोत्सव को मानने के लिए लोग बड़ी संख्या में चर्च पर ही मौजूद रहे। 


कोरोना के बढ़ते संक्रमण को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए लोगों को अपने अपने घरों से प्रार्थना करने की अपील की गई है। इसके अलावा कोरोना के नए वेरियंट के मद्देनजर छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा दिए गए दिशा निर्देश का पालन किया गया। जिसके तहत आम जन के लिए चर्च को बंद कर दिया गया है। प्रभु येशु के जन्मदिवस को समुदाय के सभी लोग अपने अपने घरों में सेलिबे्रशन करेंगे। साथ ही प्रभु येशु से कोरोना संक्रमण से सभी को बचाए रखने की अपील की गई है। 

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