



डेस्क खबर खुलेआम
भाजपा के आदिवासी नेताओं ने विधायक के निष्क्रियता पर तंज़ दस साल का मांगा हिसाब
आरोप-क्षेत्र में पिछले पांच साल के सत्ता में अपराध माफियाराज धर्मांतरण प्रशासनिक भ्रष्टाचार बदहाल सड़क बेरोजगारी चरम पर – भाजपा
घरघोड़ा ।
शियासत के खेल में विरासत में मिला लालजीत राठिया की तीसरी पारी को ध्वस्त करने भाजपा ने कमर कस ली है, लगातार दो हार के बाद भाजपा के आदिवासी नेताओं को लगता है इस बार समझ आ गया है राजनीति की बिसात में मोहरें बनकर कुछ हासिल नहीं होता है, तख्त हासिल करना है तो खुद के पास मैदान में लड़ने के सिपाही के साथ हर अलग अलग रणक्षेत्र में प्रतिनिधित्व करने वाला सेना नायकों के बिना इस कांग्रेस के मजबूत किले को ध्वस्त नहीं किया जा सकता।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ दिन शेष हैं चुनाव आयोग ने दिन तिथि की घोषणा कर चुनावी संग्राम का बिगुल फूंक कर दोनों ही मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस व भाजपा के नेताओं को सावधान कर दिया है। विधानसभा धरमजयगढ क्षेत्र क्रमांक 19 अजजा सीट के लिए आरक्षित हैं पिछला इतिहास देखा जाये तो सेन्ट्रल विस्टा जोन 1952 से मध्यप्रदेश बनने के बाद आम चुनाव सन् 1977 तक कांग्रेस पार्टी की सत्ता रही वहीं मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन सन् 2000 छत्तीसगढ़ बनने के बाद 2003 तक कांग्रेस ही सत्ता में रही और लगातार विधायक चुनाव में जीत दर्ज करती रही। भाजपा के शीर्ष दिग्गज नेताओं में सुमार धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र के भगवाधारी आदिवासी नेताओं में पहचान बनाने वाले इस बार विधानसभा टिकट के दौड़ में जोर आजमाइश कर रहे हैं, जिसके लिए प्रदेश पार्टी नेतृत्व के आदेश पर अपने अपने क्षेत्रों में दावेदार भाजपा की ओर माहौल बनाने का प्रयास में लगे हैं, धरमजयगढ विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 19 से स्वर्गीय ओमप्रकाश राठिया ने पहली बार भाजपा का झंड़ा लहराया था, कांग्रेस के अजय योद्धा कहे जाने वाले चनेशराम राठिया को 2003 के विधानसभा आम चुनाव में पटकनी देकर भाजपा से प्रथम विधायक होने का गौरव हासिल है, निश्चित ही उस समय प्रदेश में मुख्यमंत्री अजीत जोगी का कांग्रेस पार्टी में ही विरोध था साथ में कर्मचारियों का एक तरफा विरोध के कारण प्रदेश में वर्तमान सरकार के ख़िलाफत माहौल का वातावरण बन चुका था, जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस पार्टी को सत्ता की कुर्सी से बेदखल होना पड़ा था, फिर भी धरमजयगढ विधानसभा क्षेत्र की राजनीति चनेशराम राठिया के परिवार के इर्द-गिर्द ही घूमती थी, आदिवासी बाहुल्य वाला क्षेत्र समाजिक पारिवारिक पकड़ में चनेशराम राठिया का कोई तोड़ नहीं था, आज भी वह पकड़ लालजीत राठिया ने क़ायम कर रखा, विकास से कोसों दुर संसाधनों की कमी सुदुर वानंचल क्षेत्र होने के कारण गांव के ग्रामीण मतदाताओं को बाहरी माहौल की जानकारी नहीं होती थी इस कारण कुछ लेना कभी रहा ही नहीं। भाजपा ने 2003 में चनेशराम राठिया के सगा संबंधी से राठिया परिवार से पढ़ें लिखे तेजतर्रार नेता की खोज करने में सफल रही चनेशराम का कद इतना बड़ा था कि कोई आदिवासी नेता सामने चुनाव लड़ना नहीं चाहता था, चनेशराम राठिया के दुर के नाता में भांचा लगने वाले स्वर्गीय ओमप्रकाश राठिया बाकारूमा पंचायत से अपने समाज के धाकड़ नेता में पहचाने जाते।
आज घरघोड़ा के विश्रामगृह प्रेसवार्ता कार्यक्रम में भाजपा के आदिवासी नेताओं में वही जोश व आक्रामकता देखने को मिला यह प्रेसवार्ता विशेष रूप से चुनावी था जिसमें कांग्रेस से वर्तमान विधायक लालजीत चनेशराम राठिया के दस का लेखा जोखा को प्रेस के सामने रखना था, धरमजयगढ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पास मुख्य रूप घरघोड़ा मंडल से राधेश्याम राठिया, बाकारूमा मंडल से हरिश्चंद्र राठिया, घरघोड़ा मंडल से संतोष राठिया, धरमजयगढ मंडल से रामनाथ बैगा जैसे अनुभवी आदिवासी नेताओं का कुनबा एक साथ नजर आने से संगठन मजबूत दिखाई दे रहा है साथ में पुर्व भाजपा प्रत्याशी लीनव राठिया का दमखम देखने को मिल रहा है सूत्र बताते हैं इस बार लीनव राठिया चुनाव लड़ने से मना कर दिया है, इस साल कोरोना से उनके ससुर पुर्व विधायक ओमप्रकाश राठिया का स्वर्गवास हो गया था जिसके कारण वह अभी से उस सदमे से उभर नहीं पाई है, स्वर्गीय ओमप्रकाश राठिया का बहुत बड़े हिस्से में प्रभाव था, साथ ही अपने समाज में सर्वमान्य नेता के रूप में सामने आए थे, इस कारण लीनव राठिया का चुनाव में संगठन की ओर से मुख्य भूमिका में नजर आ सकती है, ओमप्रकाश राठिया का असमय मृत्यु हो जाने से समाज का सिम्पेथी मिलने से सहानुभूति वोट बैंक प्रभावित करेगा, वहीं पुर्व ज़िला पंचायत सदस्य छाल क्षेत्र की आदिवासी महिला नेता में अपनी अलग छाप छोड़ने वाली युवा तुरूणाई रजनी राठिया का छाल सहित कुडूमकेला मंडल में महिलाओं के बीच कार्य करने से महिला वोटरों को रिझाने में सफ़ल होती दिखाई दे रही है। जिस तरह से राधेश्याम राठिया हरिशचंद्र तारा सिंह राठिया व रामनाथ बैगा की चौकड़ी बनी है, इनको भी पता है इस बार विधायक नहीं बनने से लगभग इनका राजनीति कैरियर समाप्ति की ओर होगा, लीनव रजनी संतोष का अभी राजनीति जीवन लंबा है, क्षेत्र में कार्य करने व करवाने के लिए विधायक की भूमिका क्या रहती है, भाजपा वालों को पिछले दस साल में समझ आ गया है। प्रेसवार्ता में इसकी झलक देखने को मिला जहां पिछले चुनावों में अलग अलग दिखाई देने वाले नेताओं ने एक दुसरे का हाथ थामे लालजीत राठिया के खिलाफ में दम भरते हुए विधायक के कार्यकाल को निष्क्रिय निष्कर्म बता डाला सबने एक स्वर में पिता चनेशराम राठिया के 32 वर्ष के विधायक कार्यकाल के पूत्र वर्तमान विधायक लालजीत राठिया के दस सालों का रिकार्ड को सामने रखा 1977 से लेकर आज 2023 तक का सफर को जनता को देखना चाहिए लगभग 52 साल के लंबे राजनीतिक काल में 42 साल कांग्रेस ने इस क्षेत्र में राज किया, राज किया इस लिए कि जनता की सेवा जनता के आशा आकांक्षाओं को दुर दुर तक कभी पुरा करने के लिए कांग्रेस पार्टी व लालजीत राठिया का परिवार सोचा नहीं, जन सेवा कार्य के लिए जनमत विधायक बनाती है, परन्तु राजे राजवाड़े महाराज धनकुबेरों के मध्य कांग्रेस का कार्यकाल राजशाही में बीता है, भाजपा नेताओं ने विधायक लालजीत राठिया व कांग्रेस पार्टी को खुला निमंत्रण दिया है खुले मंच पर धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र जनता के हितों के लिए किये गये कार्य व भाजपा के 10 साल के स्व. ओमप्रकाश राठिया जी का कार्यकाल में जो विकास कार्य हुए हैं उसका लेखा जोखा सरकारी रिकॉर्ड निकाल लायें तुलना करें कांग्रेस के 42 साल के राजशाही विधायक कार्यकाल का दुध का दुध पानी का पानी हो जायेगा, लालजीत राठिया के दस साल के विधायक कार्यकाल में वर्तमान सत्ता के पांच साल कुशासन में बीत गया लुट हत्या चोरी गुंडाराज माफियाओं का आंतक विभागों में भ्रष्टाचार कमीशनखोरी बदहाल सड़कों के कारण मार्ग में चलना मतलब जीवन मरण पर विचार करना पड़ता है, क्षेत्र में नशा का कारोबार अवैध दारू बिक्री से नशा में युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है, खनिज संपदा का अवैध खनन की खुला छुट, पहली बार विधानसभा क्षेत्र में रेंत माफियाओं का समुह सक्रिय होकर बिना भय के अवैध धंधा चला रहे हैं जिसके कारण नदी नाला बर्बादी के कगार पर खड़े हैं साथ ही पर्यावरण पर बुरा असर पड़ने लगा है, सड़क तो पुरे छत्तीसगढ़ से गायब है परन्तु इस क्षेत्र में खदानों से मिलने वाले राजस्व अर्जित करने के मामले में अग्रणी भूमिका रहती है वहीं का सड़क मार्ग की सुरते-हाल बताने की जरूरत नहीं है, मौत के सायें में मुसाफिर राहगीर रोजना इन रास्तों से गुजरते हैं सड़क के नाम पर गड्ढे में चलने को मजबूर क्षेत्र की जनता के बारे में विधायक लालजीत राठिया ने एक बार भी दो शब्द कहे हो इन पांच सालों में तो कांग्रेसी बताएं, मुख्यमंत्री के आने के बाद जिले भर की जनता ने सड़क को लेकर विरोध किया तब जाके सड़कों की सुध लिया गया, लेकिन इसका भी कोई लाभ जनता को नहीं मिला आज तक सड़क चलने लायक नहीं बन सका, हजारों ट्रेलर रोज दौड़ रही है रोज आमजन बेगुनाह सड़क हादसों का शिकार बन रहे हैं असमय मृत्यु हो रही है, जिसकी चिंता विधायक लालजीत राठिया को नहीं है, भाजपा नेताओं ने विधायक लालजीत राठिया को गैर जिम्मेदार जन प्रतिनिधि बताते हुए कहा कि घरघोड़ा में बच्चों से भरी स्कूल बस का इतना बड़ा दुर्घटना होने के बाद भी अस्पताल में स्थिति देखने तक नहीं पहुंचे ना किसी तरह की प्रतिक्रिया जाहिर की इस कारण अपने क्षेत्र के विधायक के प्रति जनता के बीच रोष व्याप्त है, आने वाले समय में जनता विधायक से हर विषय में सवाल पूछने व हर एक सवाल का जवाब मांगने तैयार बैठी है, कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में ही विधायक के प्रति खिलाफ में गुस्सा है, कांग्रेस के लोगों को पता है, जनता जागरूक हो गई है विपक्ष मजबूत बार बार जनता को ठगा नहीं जा सकता है, जनता के पास क्या लेकर जायेंगे किस मुंह से विधायक के लिए वोट मांगेंगे। प्रेसवार्ता कर भाजपा ने धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए विधायक के खिलाफ सीधा चुनावी हुंकार भरते हुए इस बार मजबूत रणनीति से मैदान में चुनाव लड़ेंगी यह साफ कर दिया है, पूर्व में जो भाजपा ने गलतियां किया था उसे दोहराया नहीं जायेगा, इसके संगठन ने पिछले पांच से कार्य किया है और सभी चेहरों को एक साथ लाने में सफलता पाई है, अब चुनाव का समय कुछ दिन शेष हैं किसके नाम पर पार्टी मोहर लगाती है, किसके सर जीत का सहरा सजेगा कौन हिरो कौन विलन बनता है यह देखने के लिए इंतजार करना पड़ेगा सारे राज समय कोख में सुरक्षित है, गीता में लिखा है करने वाला और करवाने वाला भी एक ही है जो हुआ जो हो रहा है जो होने वाला है वह अच्छा ही होगा, मनुष्य को अपना कर्म करते रहना चाहिए, अपने कर्म पर अपने इष्ट पर विश्वास कर धर्म पथ पर चलते रहने वाले के साथ कभी ग़लत नहीं होता है, हां हर क्षण समय परीक्षा लेता है उस समय जो सत्य पर अडिग मोह का त्याग कर विपरीत परिस्थितियों में भी चलता रहता है वहीं अपने लक्ष्य की प्राप्ति करता है।


