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रायगढ़ के अनसुलझे काजल मसंद हत्याकांड का खुलासा ….. हत्या में शामिल 3 आरोपी सबूतों के साथ गिरफ्तार …. दुष्कर्म की नियत से घर में घुसे थे तीनों बदमाश

By Khabar Khule Aam Desk

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एएसपी लखन पटले और सीएसपी दीपक मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस की 5 टीमें हर पहलुओं पर जाँच कर रही थी …… 200 से अधिक लोगों से पूछताछ, साइबर सेल के साथ एक टीम इलाके के सैकडो सीसीटीवी फुटेज की चेक

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आरोपी रामभरोस चौहान पहले भी नाबालिग से दुष्कर्म, हत्या के प्रयास के मामले में जा चुका है जेल 

रायगढ़ के बहुचर्चित काजल मसंद हत्याकांड से रायगढ़ पुलिस द्वारा पर्दाफाश कर घटना कारित करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिन्हें आज कोट में पेश किया जावेगा । घटना का विस्तार से खुलासा आज पुलिस कंट्रोल रूम में एडिशनल एसपी लखन पटले एवं सीएसपी रायगढ़ दीपक मिश्रा द्वारा किया गया है ।

कान्फ्रेंस में बताया गया कि दिनांक 14 जून 2022 के दोपहर पुलिस को सूचना मिली कि स्वास्तिक विहार कालोनी के एक मकान में युवती की संदेहास्पद मृत्यु हो गई है जिसकी सूचना पर तत्काल एडिशनल एसपी लखन पटले, सीएसपी दीपक मिश्रा, थाना चक्रधरनगर पुलिस, डॉग स्क्वाड, साइबर सेल की टीम मौके पर पहुंचे । मौके का मौका मुआयना कर पुलिस अधिकारियों द्वारा एसपी अभिषेक मीना को घटना से अवगत कराएं । एसपी अभिषेक मीना द्वारा एडिशनल एसपी को अपने सुपरविजन पर सीएसपी दीपक मिश्रा के नेतृत्व में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनीष नागर, थाना प्रभारी भूपदेवपुर निरीक्षक अमित शुक्ला, चौकी प्रभारी जूटमिल निरीक्षक हर्षवर्धन बैस, थाना प्रभारी चक्रधरनगर उप निरीक्षक दिनेश बोहिदार तथा साइबर सेल की टीम बनाकर आरोपियों की पतासाजी का निर्देश दिये । मर्ग पश्चात अज्ञात आरोपी पर हत्या का अपराध दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस टीम द्वारा सर्वप्रथम पुलिस डॉग रूबी को घटनास्थल का स्मेल लेकर छोड़ा गया जो मृतिका के मकान से गंध लेकर उसके घर पीछे रिक्त पड़े अटल आवास होते हुए फुलवारीपारा आगे शमशान की ओर गया जिस पर पुलिस की एक टीम फुलवारी पारा की ओर निवासरत संदेहियों से पूछताछ के लिये लगाया गया । मृतिका की मां सदमे से शोक व्याप्त थी कुछ बताने की स्थिति में नहीं थी । मृतिका के अन्य परिजनों से जानकारी मिली कि मृतिका की तीन सगी बहने शादी पश्चात दिगर राज्यों में अपने ससुराल में रह रही है । मृतिका उसकी मां को प्रतिदिन उसके कार्यस्थल सुबह छोड़ने जाती है और वापस घर में आकर अकेली रहती है मिली जानकारी पर पुलिस टीम द्वारा मृतिका के आने के समय चेक कर सीसीटीवी खंगाला गया । साइबर सेल की टीम मृतिका के मोबाइल का लास्ट लोकेशन लिया गया जो फुलवारीपारा की ओर जाकर बंद होना पाया गया । तब एएसपी पुलिस की एक और टीम को इस ओर संदिग्धों से पूछताछ के लिये लगाये । शेष टीम मृतिका के दोस्तों, परिजनों उसके कार्यस्थल सहारा इंडिया के सदस्यों, मृतिका के घर आसपास काम करने वाले लोगों,  संपर्क में आये ऑटो चालक, आस-पड़ोस के लोगों से मजदूरों, चौकीदार से लगातार पूछताछ किया जा रहा था । इसी बीच पुलिस को एक महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगा मृतिका एवं उसके परिजनों के मोबाइल को चेक किया गया तो सभी मोबाइल पर एक ही Gmail से चल रहे थे उस Gmail का बैकअप लिया गया जिसमें पुलिस के हाथ घटना के बाद मृतिका की ली गई तस्वीर पुलिस को प्राप्त हुई जो कि घटनास्थल से कुछ भिन्न थी । जांच टीम को मृतिका के मृत्यु का लगभग सही समय ज्ञात हुआ पुन: पुलिस सीसीटीवी चेक किये, आसपास के लोगों से पूछताछ किए फुटेज के दायरे में आये लोगों से पूछताछ किया गया और पुलिस डॉग रूबी की फिर मदद ली गई । इसी दरम्‍यान क्षेत्र का कुख्यात बदमाश, आदतन आरोपी राम भरोस फुटेज में दिखा जिस पर पुलिस डॉग रूबी भी संकेत की थी ।  आरोपी राम भरोस के विरूद्ध चक्रधरनगर पुलिस पूर्व में कई प्रतिबंधक कार्यवाही व 376, हत्या का प्रयास, पोक्सो एक्ट का मामला दर्ज किया गया था तथा आरोपी बलात्कार, पोक्सो एक्ट मामले में जेल जा चुका है । संदेही को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया जिसने पुलिस को घटना समय मौजूद नहीं होना बताया पुलिस द्वारा उसके मौके पर मौजूद होने के सारे सबूत  दिखाये और चश्मदीद गवाह जो उसे पैदल आते-जाते देखें है उनका जिक्र किया गया । संदेही रामभरोस चौहान बार-बार सिरे से इंकार करने के बाद आखिरकार अपने किये अपराध की स्वीकृति किया कि उसने घटना अपने मोहल्ले के दो साथी गोपाल उर्फ नानू साहू, मित्रभानु उर्फ मोनू सोनवानी के साथ करना स्वीकार किया ।

आरोपी रामभरोस चौहान अपने मेमोरेंडम में बताया कि 376, पोक्सो एक्ट के अपराध में जेल से रिहा होने के बाद फुलवारी पारा में रह रहा है जिसका स्थानीय लड़की से प्रेम संबंध था । लड़की सर्किट हाउस की तरफ घरों में मजदूरी का काम करने जाती थी जो रास्ता काजल मसंद के घर के बगल के होकर जाता है । वहीं पास आम के पेड़ के नीचे यह अपने साथी मित्रभानु सोनवानी और गोपाल साहू के साथ अक्सर मिलते और बैठक करते थे । इस ये तीनों काजल मसंद को गंदी निगाह से देखते थे उनको जानकारी थी कि काजल मसंद के घर कोई पुरुष नहीं है, मां -बेटी अकेले रहते हैं । दिनांक 14.06.2022 के सुबह से तीनों शराब पिए थे । सुबह इन्होंने काजल को उसकी मां को स्कूटी पर छोड़ कर घर आते देखा था । जब ये तीनों काजल के घर के पास थे तब काजल को घर के बाहर मोबाइल पर बात करते देखे और काजल के कमरा अंदर घुसने के बाद तीनों काजल को देखने गए खिड़की से झांक कर देखें काजल मोबाइल से बात करते हुए बिस्तर पर कुछ लिख रही थी । तीनों दरवाजे का कुंडी लगा ना होने के कारण अंदर दरवाजे से अंदर चले गए । तीनों बिस्तर पर काजल का मुंह, गर्दन दबा दिए थे । काजल उनसे छुड़ाने की कोशिश में शोर कर प्रतिरोध कर रही थी जिससे तीनों डर गए और इसी बीच रामभरोस कमरे से बाहर निकला और बाहर पड़े चिप पत्थर से काजल मसंद के सिर पर कई बार प्रहार किया जिससे उसका सिर फट गया काजल की मृत्यु हो गई फिर तीनों आरोपी साक्ष्य छुपाने के नियत से अलमारी में रखे एक टावेल में पत्थर को लपेट दिए और कमरे में काजल मसंद के कपड़े उतारकर काजल के मोबाइल से फोटो लिए और जाते-जाते कमरे में रखा हुआ एक प्लास्टिक पाउच (छोटा थैला) जिसमें करीब ₹1540 रखा था जिसे तीनों आपस में 500 – 500 रुपये बांट लिए और घटना कारित  करने के बाद तीनों अटल आवास पहुंचे जहां प्लास्टिक का पाउच काजल मसंद के घर से मिला एटीएम कार्ड को अटल आवास के बिल्डिंग में ही छोड़ कर तीनों अपने अपने घर चले गए काजल मसंद का मोबाइल मित्रभानु रखा हुआ था जो पकड़े जाने के डर से उसे पंचधारी डैम में फेंक दिया । आरोपियों से पुलिस द्वारा साक्ष्य छुपाने में प्रयुक्त टावेल व घटना में प्रयुक्त चिप पत्थर, मोटरसाइकिल एवं कुछ नगद रुपए बरामद किया गया है । एएसपी लखन पटले के मार्गदर्शन तथा सीएसपी दीपक मिश्रा के नेतृत्व में बनाये गये टीम में शामिल थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनीष नागर, थाना प्रभारी भूपदेवपुर निरीक्षक अमित शुक्ला, चौकी प्रभारी जूटमिल निरीक्षक हर्षवर्धन बैस, थाना प्रभारी चक्रधरनगर उप निरीक्षक दिनेश बोहिदार, थाना चक्रधरनगर के प्रधान आरक्षक सतीश पाठक, लोमेश राजपूत, हेम प्रकाश सोन, आरक्षक विक्कु सिंह, चन्द्र कुमार बंजारे, संदीप मिश्रा, श्वेत बारीक, सुशील यादव, महिला आरक्षक राधा टोप्पो, अनिता बेक, आरक्षक हरीश पटेल, धनुर्जय बेहरा  तथा साइबर सेल के प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, आरक्षक प्रशांत पंडा, धनंजय कश्यप, बृजलाल गुर्जर महिला आरक्षक मेनका चौहान शामिल थे ।

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आरोपी रामभरोस चौहान का अपराधिक रिकार्ड :-

आरोपी रामभरोस चौहान के विरुद्ध की गई कार्यवाही वर्ष 2013 में आबकारी एक्ट, वर्ष 2014 में मारपीट में चालान, तीन बार 107,116(3) एवं 151 CRPC की कार्रवाई कर जेल भेजा गया। साथ ही 110 CRPC की प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कर प्रतिबंधित किया गया । वर्ष 2016 में आरोपी पर दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट (376) हत्या का प्रयास (307) में  गिरफ्तार कर चालान किया गया था, आरोपी इस मामले में सजा हुई थी जो 5 साल जेल में रहा और हाईकोर्ट से जमानत प्राप्त किया है  ।




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Khabar Khule Aam Desk

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