उत्तर भारत का प्रमुख पर्व छट बुधवार को धूमधाम से मनाया गया , इस अवसर पर बगमुडा घाट में भोजपुरी समिति के द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई थी वहीं यहां पहुंचने वाले छठ व्रतियों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो उसका ख्याल रखा गया था चार दिवस के इस शुरुआत नहाए खाए के साथ हुई थी ।
इसके बाद आज बुधवार को शाम को डूबते अर्ध के साथ तीसरे दिन की पूजा संपन्न हुई दुखते सूर्य को अर्घ देने छठ व्रत करने वाले लोग दोपहर 3 बजे से ही बगमुडा तलाब घाट में पहुंचने लगे थे और सिर पर सूपा में छठ माता की अर्पित किए जाने वाली पूजन सामग्री को लेकर छठ घाट पहुंचने लगे थे इस दौरान तलाब घाट में किसी तरह की समस्या ना हो इसका ख्याल रखा गया था व्रत करने वाले लोगों को स्थान सुनिश्चित किया गया था जिसके बाद आज शाम लगभग 5:30 बजे को दिया गया गुरुवार को सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही पूजा का समापन होगा छठ पर्व छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की तिथि को मनाया जाता है सूर्य उपासना का मुख्य रूप से बिहार झारखंड पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्रों में मनाया जाता है कहा जाता है ।
यह त्यौहार बिहारियों को सबसे बड़ा पर्व है यह उनकी संस्कृति है बिहार में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है यह एक मात्र ही नहीं पूरे देश में मनाया जाता है बिहार की संस्कृति बन चुका है आज घरघोड़ा भोजपुरी समाज एवं अन्य समाजों के द्वारा छठ पूजा को धूमधाम से मनाया गया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से नगर पंचायत अध्यक्ष शिशु सिन्हा ने तलाब घाट की सफाई की पूरी व्यवस्था पूर्व में ही करा दी गई थी आज पूजन अवसर पर भोजपुरी समाज के साथ अन्य समाज के अत्याधिक संख्या में भक्तगण घाट पर उपस्थित रहे नगर पंचायत के द्वारा सड़क में पानी छिड़काव कर साफ-सफाई का पूर्ण व्यवस्था कराया गया था
आपको बता दे कि हमारे नगर में सूर्य उपासना के इस पर्व के प्रति इतनी आस्था है कि पिछले कुछ वर्षों से उत्तर-पूर्वी भारत के छठ व्रत के श्रद्धालुओं के साथ बड़ी मात्रा में स्थानीय लोग बढ़ चढ़कर बड़ी श्रद्धा से इस महापर्व में अपनी सहभागिता दे रहे हैं। जिससे इस पर्व की छटा देखते बनती है।