–रिषभ तिवारी की रिपोर्ट –
शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था विकास के दो ऐसे पहिये हैं जिनमें से एक के भी डगमगाने से पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े होने लगते हैं। वहीं जब तमाम कोशिशों के बावजूद व्यवस्था संभालने वाले जिम्मदारों के हाथ बंधे नजर आएं तो मामला और संगीन हो जाता है। कमोबेश यही स्थिति ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर के प्राथमिक विद्यालय में बनती जा रही है। जहां के प्रधान पाठिका की मनमानी को लेकर ग्रामीणों और पालकों में काफ़ी नाराजगी देखी जा रही है। शिक्षा अधिकारी को इस बात की जानकारी दिए जाने के बाद भी प्रधान पाठिका का मनमाना रवैया बरकरार रहने के कारण स्कूली बच्चों के भविष्य को लेकर पालकों की चिंता बढ़ती जा रही है। इस संबंध में गांव की महिलाओं ने बताया कि प्रधान पाठिका कभी कभार ही स्कूल आती हैं और पंजी में सभी दिनों की अपनी उपस्थिति दर्ज कर फिर से कई दिनों तक स्कूल से नदारद हो जाती हैं। इस बात की पुष्टि करते हुए सरपंच पति दिनेश्वर राठिया ने बताया कि उनके पास इस बात के प्रमाण भी हैं कि प्रधान पाठिका हफ्तों स्कूल से गायब रहती हैं और किसी दिन आकर उपस्थिति पंजी में पिछले दिनों की अपनी हाजिरी भी भर देती हैं। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी को भी इस बात की मौखिक जानकारी दी गई थी।
इस संबंध में महिलाओं ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई को लेकर वे काफी चिंतित हैं और दिनोदिन प्रधान पाठिका की मनमानी बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि वे उच्च अधिकारियों से यह मांग करते हैं कि स्कूली बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस प्रधान पाठिका को यहां से हटाकर किसी दूसरे शिक्षक की पोस्टिंग इस स्कूल में की जानी चाहिए।