आदिवासी जनजाति क्षेत्र होने से लैलुंगा क्षेत्र के कई गावों मे करमा त्योहार का धूम रहा।
जनजातियाँ अपने देवी-देवताओं का वास पेड़-पौधों पर मानती हैं। प्राचीन काल से ही पेड़-पौधों एवं पशुओं के साथ-साथ पुरखों की पूजा की परंपरा इनमें रही है। ये देवी-देवता एवं पेड़-पौधों की पूजा कर, अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। पूजित वृक्षों में सरई एवं करम वृक्ष प्रमुख है। जनजाति समूह वर्ष में एक बार वृक्ष के नीचे एकत्रित होकर पूजा-अर्चना कर उत्सव मनाते हैं। करमा नृत्य-गीत में इनका विशेष महत्व है।
करमा की उत्पत्ति के संबंध में कई कथाएँ हैं जैसे- राजा कर्मसेन की कथा, कर्मा रानी की कथा एवं सात भाइयों की कथा में कर्म देव का उल्लेख आदि का विवरण प्राप्त होता है जो कर्मा पूजा के इर्द-गिर्द करमा नृत्य की उत्पत्ति से संबंधित जान पड़ते हैं।
इस पर्व की मूल भावना को कालांतर में कर्म एवं भाग्य से जोड़कर इसका एक दूसरा पहलू सामने लाया गया है। करमा नृत्य-गीत कर्म का परिचायक है जो हमें कर्म का संदेश देता है।
कंवर समाज भवन लेलुंगा मे आयोजित करमा पर्व के अवसर पर शुक्रवार को शाम 05 बजे भादों एकादशी उपवास/ब्रत पर रहीं युवतीयाँ गांव के बैगा के साथ जंगल जाकर विधिवत पूजा अर्चना कर करम डार को काटकर कंवर समाज भवन की अखरा (आंगन/खोल) तक लाए। वहां पर मौजूद महिलाओं ने विधिवत करम डार की पूजा अर्चना किया। ग्राम बैगा द्वारा करम एकादशी की प्रचलित कथा का श्रवण कराया गया। उसके बाद ढोल एवं मादर के थाप पर करमा गीत गाते हुई महिलाएं, पुरुष व युवक युवतियां पूजा अखरा तक पहुंचे और रात भर करम देव को खुश करने मांदर की थाप पर थिरकते रहे। शनिवार सुबह 06 बजे 18/09/2021 को विधिवत बैगा द्वारा पूजा अर्चना के पश्चात करम डार व जाउआ/जवारा का विसर्जन किया गया। आदिवासी इलाके के विभिन्न गांवों में करमा पर्व धूमधाम एवं शांतिपूर्ण माहौल में मनाया गया। करमा विसर्जन के बाद कंवर समाज द्वारा आयोजित करमा उत्सव संपन्न हुआ।
इस अवसर पर कंवर समाज संगठन लैलुंगा के पदाधिकारी गण जयलाल पैकरा अध्यक्ष, अनंत राम पैकरा, जयराम पैकरा, मुनकुराम पैंकरा, श्रीमती शांता साय, रामकुमार साय, सुमन कुमार साय, नंदकुमार साय पैकरा, पुष्कर पैकरा-रोहिणी पैंकरा, देवचरण पैकरा, संतोषी पैंकरा, तारावती पैकरा- जगदीश पैकरा, पदमा पैकरा- श्रीरामसाय पैकरा, विरेन्द्र पैंकरा, रामलाल पैंकरा, पुष्पा पैंकरा-राजेन्द्र पैंकरा, निमारी पैंकरा-बालमुकुंद साय, श्याम लाल पैंकरा-सुनीता पैंकरा, सुभाष पैंकरा, सेतराम पैंकरा, मनोज पैंकरा, संदीप साय, रामलाल पैंकरा, मनीष पैंकरा, शिवशंकर पैंकरा, हेमंत पैंकरा, आदि उपस्थित थे।