सनातन धर्म का महापर्व पंच दिवसीय महापर्व मंगलवार धन त्रयोदशी से प्रारम्भ होगा।यह पर्व खुशहाली समृद्धि श्री प्राप्ति का प्रतीक है।शुभ समय मे उचित माध्यमों व साध्यों से किया गया कार्य सफलता की ओर हमें अग्रसर करता है।पंच दिवसीय महापर्व का धनत्रयोदशी रूप चतुर्दशी दिप पर्व अन्नकूट यम दूज का समूह है जो प्रत्येक दिवस की अपनी महत्ता है ।उचित परिणाम प्राप्ति की आस्था व विश्वास लिए भारत के ही नही अपितु अन्य राष्ट्र व धर्म के लोग भी उक्त पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। 2021 में धनतेरस 02 नवम्बर मंगलवार को है।धनतेरस को एश्वर्यता के प्रतीक वस्तुओं को खरीद कर शुभ संयोग की शुरुवात करते हैं।
धनतेरस पूजा का मुहूर्त :-
06 बजकर 10 मिनट से लेकर 08 बजकर 09 मिनट 10 सेकेंड तक (सन्ध्या)
इस समय में धन्वन्तरि सहित माँ महालक्ष्मी जी की पूजन की जावेगी।
चिकित्सा से जुड़े लोगों द्वारा धन्वन्तरि की पूजन करने की प्रथा है।
धनतेरस पर खरीददारी का मुहूर्त:-
सुबह 07. 13से 09.28तक।
स्थिर 01.22 से 02.56 तक दोपहर।
स्थिर 06.10से 08.09 बजे तक शाम।
स्थिर 12.37 से 02.47 रात्रि।
धनतेरस पर खरीददारी के लिए राहुकाल का त्याग करें। जिसका समय दिन 03.00 बजे से 04.30 बजे तक का है।
गुरुवार को भारत वर्ष में हर्षोल्लाष के साथ दीपावली का प्रसिद्ध उत्सव मनाया जावेगा।प्रत्येक सनातनी घर प्रतिष्ठान कार्यालयों देव् मंदिर शक्ति पीठ में दीप से अमावस्या की गहन अंधकार में प्रकाश कर माँ महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती से सुख समृद्धि की कामना करेगा।
माँ महालक्ष्मी पूजन के लिए तीन स्थिर मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं।
पूजन मुहूर्त:-
स्थिर : 01.15 से 02.49 तक।
स्थिर: 05.53 से 07.49 तक।
स्थिर: 12.20 से 02.36 तक अर्ध रात्रि।
एवं गोधूलि बेला में 04.34 से शाम 06.10 तक ।
चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा ,अक्षय तृतीया , विजया दशमी के साथ कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा का आधा भाग (साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त)पंच महापर्व के अवसर पर ही दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट /गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है।जो इस वर्ष 2021 को 05 नवम्बर शुक्रवार को होगा।
– विजय पंडा (घरघोड़ा)
मोब0 9893230736