


वह नाम जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घरघोड़ा में विगत 26 वर्षों स्टाफ नर्स के पद पर पदस्थ होकर घरघोडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दे रही है ।
सरिता सिस्टर के नाम से चाहे वह आम हो या खास हो आदर के साथ में लेते हैं, इतने वर्षों के कार्यकाल में स्थानीय लोगो का मन ही नहीं जीता है वरन लाखों लोगों का सेवा कर एक आदर्श स्थापित किया है आज नर्सिंग दिवस के उपलक्ष पर उनके सेवा कार्य को उल्लेखनीय उपलब्धि को लिख कर आयाम देना उनके कार्यो को दिया दिखाने के सामान है ।
सरिता साहू सिस्टर जीवन के कुछ पहलुओं को आप लोगों के समक्ष रख रहा हूं श्रीमती सरिता साहू सिस्टर मूलतः जांजगीर-चांपा जिले के चोरिया गांव की रहने वाली हैं और सरदार बल्लभ भाई पटेल वर्तमान में सिम्स से नर्सिंग की पढ़ाई करने के बाद घरघोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 जनवरी 1996 को ज्वाइन दी और आज तक अपनी सेवाओं को 26 वर्ष भी निरंतर जारी रखे हुए है ।।
सरिता सिस्टर कितने अनगिनत लोगों की सेवा निस्वार्थ की है साथ ही इन 26 वर्षों के दौरान सैकड़ो बच्चों का सफल प्रसव भी कराया है , चाहे वो दिन हो या रात अपनी कर्तव्यों का निर्वहन बड़ी ईमानदारी से किया है ।
अस्पताल में आज भी कोई घरघोडा तहसील क्षेत्र से आता है तो डॉक्टर के बाद सरिता सिस्टर का नाम जुबा पे पहले आता है , कहना अतिसंयोक्ति नही होगा कि सामान्यतः इंजेक्शन लगाना हो तो सरिता दी कहा है यह जुबा पर पहले आ जाता है ।।
वर्तमान में कोरोना काल के इस पेंडमिक समय मे वैक्सीनेशन लगाने का कार्य अपनी गति पर है और समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घरघोडा में औसतन वैक्सीन लगाने का काम सरिता सिस्टर के हाथों से ही हो रहा है और ज्यादातर लोगों का यह कहना रहता है कि सरिता सिस्टर के द्वारा लगाए इंजेक्शन हमें पता ही नहीं चला
आप अनुमान लगा सकते हैं कि सुबह 9:00 बजे से लेकर के जब तक वेक्सीन लगता है तब तक सरिता सिस्टर अपने सहयोगियों के साथ यहां पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती है और जब तक वेक्सीन खत्म नहीं हो जाता तब तक वह लोगों को वैक्सीन लगाने का कार्य निष्पादित करती है ।
जिले में इनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस और स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर शासन के हाथों सम्मानित भी हो चुकी है जो कि इनके द्वारा किये गए कार्यो को प्रतिपादित करता है ।


