बाल बाल बची स्कूटी चालक की जान !
घरघोड़ा में भारी वाहनों का 24 घंटे घुसना अब नगर के लिए नासूर की तरह बनता जा रहा है! पहले भी दुर्घटना और विवाद की कई परिस्थितियां बन चुकी हैं! जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि और जागरूक नागरिकों द्वारा भारी वाहनों के नगर में प्रवेश को लेकर बड़े आंदोलन किए गए थे और लगभग हर आंदोलन के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा सुबह 5:00 से 10:00 बजे तक भारी वाहनों के शहर में प्रवेश पर निषेध का समझौता हुआ है ! घरघोड़ा नगर में ट्रकों के नीचे आकर कई लोगों ने अपनी जान गवाई है, सबसे संवेदनशील मामला घरघोड़ा भेंड्रा रोड के समीप नाबालिक बच्ची का अनियंत्रित वाहन की चपेट में आकर मृत्यु हो जाना था! जिस पर आक्रोशित भीड़ ने भारी वाहन को आग के हवाले कर दिया था और मुख्य मार्ग घंटो जाम रहा था! शांति व्यवस्था बनाने के लिए जिले के 5 थानों के पुलिस बल को भारी मशक्कत करनी पड़ी! परंतु वर्तमान में लोक डाउन के समय से नगर के अंदर ट्रकों एवं डंपर का आना जाना पुनः प्रारंभ हो गया है! बेलगाम अनियंत्रित नगर में घुसती ट्रकों पर प्रशासन का कोई लगाम नहीं है! 24 घंटे शहर के मध्य से गुजरती ट्रक डंपर कोयले की डस्ट और धूल उड़ाते चलते हैं जिससे शहर के हर सड़क पर चौबीसों घंटे केवल धूल और डस्ट की चादर ही दिखाई पड़ती है शहर की फिजा में जहर घोल दे और नियम कायदों को अपने पैरों तले रौंद ने से इन ट्रकों पर प्रशासन की स्थिति क्यों इतनी उदासीन हो जाती है आखिर प्रशासन पर किस बात का दबाव होता है कि शहर के हवा में जहर घोलने वाले इन गाड़ियों का परिचालन पूर्व समझौते अनुसार सुबह से रात 10:00 बजे तक क्यों बंद नहीं कराती है!! आपको बता दें पिछले दिनों घरघोड़ा के बस स्टैंड चौक में एक स्कूटी चालक की जान भारी वाहन के नीचे आकर बाल बाल बची, आखिर प्रशासन को क्या फिर से एक बड़ी दुर्घटना का इंतजार है ??