रायगढ़ क्षेत्र के जामपाली माइंस में गुंडागर्दी अपने चरम में हैं यहां गाड़ियों से लाइन लगाने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है प्रतिदिन माइंड से 500 गाड़ियों का डिस्पैच होता है जिससे ₹50 की दर से ₹25000 प्रति दिन यानी 750000/- महीने वसूली की जा रही है इस कार्य में कुछ रसूखदार ओं का भी समर्थन है क्योंकि उनकी गाड़ियां लाइन में न लगकर सीधे खदान में प्रवेश करती हैं कम से कम 100 गाड़ियां डायरेक्ट जाती हैं जिससे उनको और इन्हें ₹500000 प्रति दिन का फायदा होता है और छोटे गाड़ी मालिक लाइन में लगे लगे दूसरे दिन भी मुश्किल से नंबर आता है सवाल यह है कि यह अवैध वसूली का अधिकार इनको किसने दिया आज इनके खिलाफ बोलने की हिम्मत किसी गाड़ी मालिक में नहीं है जो बोलता है वह मार खाता है छत्तीसगढ़ शासन से निवेदन है कि यह अवैध वसूली को बंद कराया जावे खदान प्रबंधन गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था करें जब तक खदान प्रबंधन नहीं कर पाता है तब तक गांव किसी स्वयं सहायता समूह को पार्किंग व्यवस्था की जिम्मेदारी विधिवत दी जावे जिससे गुंडागर्दी खत्म हो सके
एक विचारणीय पहलू है कि कि आज खदान के प्रभावित और विस्थापित लोग बेरोजगार घूम रहे हैं नौकरी की तलाश में जहां उनको कोई काम नहीं मिल रहा है उनका संगठन बना करके क्यों ना उनको पार्किंग व्यवस्था की जवाबदारी शासन की सहमति से दी जाए
जामपाली माइंस में गुंडा गर्दी चरम पर , सभी गाड़ियों से की जा रही अवैध वसूली
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