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छत्तीसगढ़ सरकार हर तरह से पूरी विफल-राधेश्याम राठिया

By Khabar Khule Aam Desk

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रायगढ के जिले आदिवासी नेता जिला भाजपा किसान मोर्चा के जिलामहामंत्री  राधेश्याम राठिया प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि 18 से 45 वर्ष के टीकाकरण में राज्य सरकार पूरी तरह फेल हो गई है. वे प्रदेश के युवाओं का वैक्सीनेशन नहीं कराना चाहती. इन्हें मौत के मुंह में ढकेल रही है. इसलिए टीकाकरण के लिए आरक्षण को आधार बनाया, जबकि सरकार को मालूम था कि आरक्षण को आधार बनाने पर टीकाकरण ही रुक जाएगा.

18+ के साथ हो रहा अन्याय

  कि हाईकोर्ट ने कहीं भी अपने निर्णय में टीकाकरण रोकने नहीं कहा है, लेकिन राज्य सरकार की मंशा टीकाकरण की थी ही नहीं इसलिए इन्होंने टीकाकरण को निरस्त किया. अब सरकार बताए 18 से 45 साल के लोगों का वैक्सीनेशन कब से शुरू होगा वही राठिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किस-किस कंपनी को कितने-कितने वैक्सीन खरीदने का कब-कब ऑर्डर किया है. किस-किस कंपनी को वैक्सीन के लिए कितना-कितना पैसा एडवांस में भेजा गया है. वैक्सीन कब प्राप्त हो रही है. ये सब सार्वजनिक किया जाए.

 18 से 45 साल के लोगों का वैक्सीनेशन कब से प्रारंभ होगा. देश के अधिकांश प्रदेशों में 18 से 45 साल के लोगों का वैक्सीनेशन प्रारंभ हो गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार के निकम्मेपन के कारण वैक्सीनेशन बंद है. राज्य सरकार अपने नाकामियों को छुपाने के लिए केंद्र सरकार के ऊपर सिर्फ आरोप लगाने में व्यस्त है.

राज्य सरकार ने 18 से 45 साल के वैक्सीनेशन के संबंध में जो आदेश जारी किया है, उसकी भाषा अमर्यादित ही नहीं, संघीय ढांचे के पूरा-पूरा खिलाफ है. किसके निर्देश पर अधिकारी ने केंद्र सरकार के ऊपर आरोपात्मक आदेश जारी किया है. इन अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए. राज्य सरकार कोविड के रोकथाम और वैक्सीनेशन में पूरी तरह फेल हो गई है. इसलिए केन्द्र सरकार पर आरोप लगाकर अपना पल्ला झाड़ रही है.

 राज्य सरकार की मंशा कभी भी प्रदेश की जनता के वैक्सीनेशन के लिए नहीं रही है. जब केंद्र सरकार ने 60 साल और 45 साल से ऊपर के उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण की व्यवस्था की. प्रदेश को पर्याप्त टीका उपलब्ध कराने का प्रयास किया, तब भी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री ने कोवैक्सीन को ही गलत बताया था. प्रदेश की जनता को लगाने से मना कर दिया. केंद्र सरकार को कहा कि वे अभी छत्तीसगढ़ में को वैक्सीन की कोई खेप न भेजें.  छत्तीसगढ़ सरकार को वैक्सीन नहीं लेगी.

 सरकार की अदूरदर्शी पूर्ण निर्णय के कारण प्रदेश में टीकाकरण की गति कमजोर पड़ी. लाखों वैक्सीन महीनों गोडाउन में पड़े रहे. जब सरकार खुद वैक्सीन के विरोध में उतर आए तो जनता के मन में भी असमंजस की भावना पैदा हुई. टीकाकरण के प्रति लोगों का रुझान कम हुआ. प्रदेश सरकार के गलत निर्णयों के कारण प्रदेश में भारी पैमाने पर 1.5 लाख से अधिक वैक्सीन खराब भी हुए हैं.

वही आदिवासी नेता राधेश्याम राठिया ने  कहा कि भारत सरकार से पर्याप्त टीका मिलने के बाद भी राज्य सरकार प्रदेश में 45 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण नहीं कर पाई. हजारों लोग कोरोना का शिकार होकर मौत के मुंह में समा गए. 45 साल के ऊपर वालों का वैक्सीनेशन का काम भी सेन्टरों में पूरी तरह बंद कर दिया गया है. लोग वैक्सीनेशन के लिए भटक रहे हैं. प्रदेश में पर्याप्त आर्थिक संसाधन होने के बाद भी राज्य सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए 1 साल में ना तो कोई योजना बनाई और ना ही संसाधन उपलब्ध कराएं बल्कि कोरोना से लड़ने के लिए वसूली गई. सेस की 400 सौ करोड़ रुपये की राशि का उपयोग भी नहीं किया गया. प्रदेश की सरकार कोरोना से लड़ने के बजाय अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए केंद्र सरकार के ऊपर रोज दोषारोपण रही है.


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Khabar Khule Aam Desk

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