


पत्थलगांव-
ज्ञात हो कि हाल ही में नारायणपुर में धर्म अंतरित ईसाइयों के द्वारा अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आने वाले नागरिकों पर प्राणघातक हमले किए गए धर्मांतर ईसाइयों के द्वारा की गई यह कोई पहली हिंसक घटना नहीं थी इससे पूर्व में भी देश-विदेश में ऐसी घटनाएं देखी जा चुकी हैं ईसाइयों के द्वारा की जा रही इस तरह की घटनाओं के परिणाम स्वरूप समुचित छत्तीसगढ़ में समाजिक विद्रोह स्थिति निर्मित हो चुकी है धर्म परिवर्तन की बढ़ती घटनाओं ने क्षेत्रीय अस्मिता को भी संकट में डाल दिया है जिसके कारण यह छत्तीसगढ़ की संस्कृति भी खतरे में है ईसाइयों के बढ़ते प्रभाव वाले क्षेत्रों में सामुदायिक सौहार्द्र भी बिगड़ने लगा है और इससे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में रखा की स्थिति उत्पन्न हो रही है देश के विभिन्न हिस्सों में हमने यह उदाहरण देखे हैं कि कैसे धर्म आंतरिक समूह की संख्या मैं अपने क्षेत्रीय अशांति सामाजिक तनाव की स्थिति ने संकेत दिए हैं कि प्रदेश में संप्रदाय के कट्टरपंथी शक्तियां अपना विस्तार कर रहे हैं हम समाज के लोग आपसे अनुरोध करते हैं कि क्षेत्र में धर्मांतरण की चल रही तमाम गतिविधियों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए साथ ही धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कठोरतम कानून बनाया जाए यह भी निवेदन है कि धर्मांतरण की अवैध गतिविधियों में सम्मिलित लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए ताकि हम अपने प्रदेश को किसी भी संभावित संप्रदायिक हिंसा एवं तनाव में आने से रोक सके और प्रदेश में शांति एवं स्थिरता बनी रहे!

इसी के विरोध में एस डी एम पत्थलगांव को विश्व हिंदू परिषद के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया जिसमे विश्व हिंदू परिषद के जिलाअध्यक्ष बजरंग शर्मा, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राज्य मंत्री सुरेंद्र सिंह बेसरा, रोशन प्रताप सिंह, हाटकेश्वर चौहान, अमन गुप्ता, शुभम शर्मा, जगदीश यादव, अंकित बंसल, सुरेश साहू, नरेश यादव, अजीत गुप्ता, पवित्र मोहन बेहरा, वीरेंदउ यादव, रामेश्वर कश्यप,महेश गुप्ता, उपस्थित थे!














