कोटा विधानसभा सीट से पहली पसंद बने बीजेपी के संतोष तिवारी

Advertisement Carousel
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
IMG 20230819 WA0055 1

छत्तीसगढ़ में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव होना जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी किसी भी प्रकार की कसर नही छोड़ना चाहती इसी का नतीजा है कि बीजेपी ने सभी को चौंकाते हुए 21 विधानसभा सीटों से अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया बीजेपी के प्रत्याशीयों के नाम के घोषणा के बाद से कोटा क्षेत्र के मतदाताओं एवं राजनीतिक पंडितों को भी समझ मे आ गया कि अबकी बार प्रत्याशी चयन में शीर्ष नेतृत्व जमीनी स्तर पर पकड़ रखने वाले नेताओं को तरजीह देगा और ग्रांउड रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय नेतृत्व का फैसला ज्यादा अहम रहेगा ऐसे में जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को टिकट मिलने की संभावना प्रबल होती दिखाई पड़ रही है विधानसभा कोटा क्षेत्र की अगर बात करें तो यहाँ शुरूआत से ही काँग्रेस पार्टी का एकाधिकार रहा है लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में काँग्रेस से अलग होकर जेसीसीजे की ओर से डॉक्टर रेणु जोगी ने जीत दर्ज किया था लेकिन हार जीत का अंतर बहुत कम होने के कारण इस बार ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि यदि इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी युवा उम्मीदवार उतारती है तो कोटा सीट से बीजेपी की जीत सुनिश्चित हो सकती है हालाँकि कोटा विधानसभा की बात करें तो यहाँ ज्यादातर समय ब्राम्हण विधायकों ने ही जीत दर्ज किया था उसको देखते हुए इस चुनाव में संतोष तिवारी का नाम मतदाताओं के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है वहीं राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यदि बीजेपी इस चुनाव में कोटा क्षेत्र में संतोष तिवारी को मौका देती है तो कोटा सीट में पार्टी अपनी पहली जीत दर्ज कर सकती है क्योंकि तिवारी के पक्ष में कई बातें सामने आ रही है तिवारी ने राजनैतिक सफर स्थानीय निकाय चुनाव से किया था जहां पर वह अपेक्षित सफलता के साथ युवाओं बुजुर्गों के चहेते बन गए युवा एवं चर्चित चेहरा होने के साथ साथ उनका ब्राम्हण होना क्षेत्र के मतदाताओं के बीच उनकी अच्छी पकड़ तिवारी एक सरल, सहज स्वभाव के व्यक्ति होने के साथ ही लोगो के साथ उनके सुख दुख में खड़े होने के कारण हर वर्ग एवं जाती के मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रिय भी है साथ ही उनके पिता स्वर्गीय रामकृष्ण तिवारी जो वर्षों से कोटा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में पुरोहित के रूप में पूजे जाते थे इस तरह से अबकी बार कई ऐसे संयोग बीजेपी और संतोष तिवारी के पक्ष में बनता दिखाई दे रहा जिनको देखते हुए ये कहना गलत नही होगा कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ही कोटा सीट से अपने प्रत्याशी का चयन करना एक सही निर्णय हो सकता है

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment