घरघोडा जनपद पंचायत का ग्राम पंचायत कुडुमकेला का विवाद थमने का नाम नही ले रहा है कुडुमकेला के रामलाल का आरोप है कि जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ नितेश उपाध्याय ने नियम विरुद्ध अपने अड़ियल रैवेय / निजी स्वार्थ सिद्धि करने के लिए सचिवों का स्थांतरण किया गया है । पंचायतों में सचिव स्थांतरण से ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों में आक्रोश व्याप्त है। स्थानांतरण आदेश पश्चात पंचायतों में विकाश कार्य पूरी तरफ ठप्प पड़ गया है शासकीय योजनाओं का भी लाभ नही मिल पा रहा है । जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत कुडुमकेला में ग्राम सभा की बैठक रखी गई जिसमें तत्कालीन सचिव केशव पटेल को यथावत कुडुमकेला में रखने व और पूर्व में कुडुमकेला से निलंबित सचिव गोपाल सिंह ठाकुर की नियुक्ति को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया है।
कुडुमकेला के ग्रामीण रामलाल ने जनपद सीईओ उपाध्याय पर आरोप लगाया है की सरपंच के साथ प्रतिनिधि मंडल ने जब तत्कालीन जनपद सीइओ नितेश उपाध्याय से मिलकर स्थानांतरण के संबंध में अपनी बातें रखनी चाही तो सीईओ उपाध्याय ने उनकी एक न सुनी और और उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया । कुडुमकेला के रामलाल के अनुसार सचिव गोपाल सिंह ठाकुर के पूर्व कार्यकाल में किये गए भ्रष्टाचार के दस्तावेज को लीपापोती करने का सडयंत्र के साथ ही स्थानीय स्तर के छूट भैया नेता को खुश करने के लिए गोपाल सिंह ठाकुर का स्थांतरण कुडुमकेला करने का गंभीर आरोप लगाया है भ्रस्टाचार में लिप्त सचिव गोपाल सिंह ठाकुर पर कुडुमकेला में रहते हुए लाखों रुपए की रिकवरी निलंबन की कार्यवाही के साथ विभागीय जाँच चलने की जानकारी होने के बावजूद पुनः पुराने पंचायत कुडुमकेला में स्थांतरण की अनुशंसा करने वाले जनपद सीईओ पर भी मीडिया के माध्यम से कार्यवाही की मांग की है ? आपको बताना लाजमी होगी कि तत्कालीन जनपद सीईओ नितेश उपाध्याय के कार्यप्रणाली से जनपद पंचायत के साथ पंचायत स्तर में विवाद की स्थिति बन गई है अपने स्थानांतरण आदेश को सही साबित करने के लिए फर्जी शिकायत पर जाँच दल बनाकर पंचायत में जाँच कराया जा रहा है
जिसके कारण 3 ग्राम पंचायत कुडुमकेला , छोटे गुमड़ा , कया में शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी तरह रुक गया है । ग्रामीणों को शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है। जबकि कुडुमकेला मामले में की गई फर्जी शिकायत की पोल पहले ही खुल गई है ।