सीसीआरओ ने सभी जिलों में राजनीतिक दल के प्रतिनिधि को सौंपे बच्चों के घोषणापत्र

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रायपुर -छत्तीसगढ़ के सभी राजनीतिक दलों को ’20 सूत्रीय ‘बाल घोषणापत्र’ सौंपा गया । इसके तहत सीसीआरओ और यूनिसेफ के वरिष्ठ सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने राजनीतिक दलों के राज्य और जिला अध्यक्षों के साथ व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और पार्टी के घोषणापत्र में गुणवत्तापूर्ण स्कूल, पारंपरिक खेल और पुस्तकालय के लिए बच्चों की मांग को शामिल करने का अनुरोध किया। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अरुण साव ने पहल की सराहना की और कहा कि “पार्टी अपने घोषणापत्र में बच्चों के हितों को सबसे आगे रखेगी”।कांग्रेस घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष मोहम्मद अकबर ने कहा कि राज्य के भविष्य के लिए बच्चों का एजेंडा महत्वपूर्ण है। हम बच्चों द्वारा उठाए गए बिंदुओं को पार्टी के घोषणापत्र में शामिल करेंगे।आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने घोषणा पत्र प्राप्त कर खुशी जाहिर की और बच्चों के हितों के लिए इस पहल का स्वागत किया।जॉब जकरिया प्रमुख यूनिसेफ छत्तीसगढ़ ने कहा कि “बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन बच्चों को उन नीतियों और कार्यक्रमों पर राय व्यक्त करने का अधिकार देता है जो उनके जीवन को प्रभावित करते हैं। उन्होंने बच्चों के घोषणा पत्र को मिली जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए छत्तीसगढ़ के राजनीतिक दलों की सराहना की। डॉ बाल परितोष दॉस, यूनिसेफ सामाजिक नीति विशेषज्ञ, जो कि बाल घोषणापत्र तैयार करने में परामर्शदाता एवं मार्गदर्शक की महत्वपूर्ण भूमिका में थे, उन्होंने कहा कि, बच्चों के द्वारा बच्चों के अनकूल घोषणा पत्र, अब तक का एक सर्वश्रेष्ठ घोषणा पत्र है जिसमे प्रदेश के बच्चों ने अपने अधिकारों को लेकर एक सजग प्रहरी की भूमिका निभाई है। इस घोषणा पत्र को राजनैतिक दलों द्वारा जो सम्मान और समर्थन मिला है, उससे वो अभिभूत हैं।मनोज भारती सीसीआरओ राज्य सचिव, के नेतृत्व में सीसीआरओ प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ के सभी राजनीतिक दलों से मुलाकात की। उन्होंने बच्चों की आवाज सुनने के लिए सभी राजनीतिक दलों को धन्यवाद दिया। गौतम बंदोपाध्याय, सचिव मध्य छेत्र ने सभी दलों से अपील की कि वे अपने घोषणा-पत्र में बच्चों के एजेंडे को प्रतिबिंबित करें।यूनिसेफ के सहयोग से छत्तीसगढ़ चाइल्ड राइट्स ऑब्जर्वेटरी (सीसीआरओ) ने 500 बाल सभाओं का आयोजन किया जिसमें तकरीबन 25,000 बच्चों से परामर्श करने के बाद घोषणापत्र तैयार किया गया।घोषणापत्र में बच्चों द्वारा उठाई गई प्रमुख मांगों को अधिकारों के चार प्रमुख समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है, अर्थात् जीवित रहने का अधिकार, विकास, संरक्षण और भागीदारी। इन चार मदों के तहत, बच्चों द्वारा उठाई गई प्रमुख मांगों में मुफ्त उच्च शिक्षा, कैरियर परामर्श, पार्क और उद्यान, पाइप के पानी के साथ लड़कियों के लिए अलग शौचालय, नशा-मुक्त छत्तीसगढ़, स्कूल में मानसिक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक-सामाजिक सहायता, निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बाल सभा, आदि शामिल हैं।

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