डेस्क – खबर खुलेआम
धर्मेंद्र महंत (पत्रकार) जिला प्रमुख रायगढ़
घरघोड़ा – ग्रामीणों को उनका हक दिलाने के लिए शासन द्वारा अनेको मुहीम चलाया जा रहा है लेकिन जमीनी स्तर मे देखे तो कुछ कर्मचारी अधिकारी के चंद पैसे मे अपना ईमान बेच रहे हैं ll मामला जनपद पंचायत घरघोड़ा जिला रायगढ़ ग्राम पंचायत ढोरम की है जंहा महत्मा गाँधी रास्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का सत्र 2021-22 व 2022-23 मे सम्पादित हुए कार्यों का सामाजिक अंकेछण कार्य गाँव कस्बे मे जा कर सोशल ऑडिट अधिकारी किरण प्रधान, व मुन्ना यादव के द्वारा किया जा रहा है
परन्तु जमीनी स्तर की बात करें तो आम जनता तो जानकारी से कोसों दूर हैं यंहा तक की पंचायत के पदाधिकारी को भी ऑडिट के सबंध मे किसी प्रकार की जानकारी नहीं है रही बात ऑडिटरो का तो ऑडिट को चार दीवारी के भीतर निपटाने मे लगे हुए है
डी.एस.ए.एफ. प्रधान के आदेशानुसार ग्राम पंचायत ढोरम मे ऑडिटर मुन्ना यादव और किरण प्रधान कार्यरत है पर जमीनी स्तर की माने तो पंचायत किसी घर चौक चौराहे मे कंही भी मजदूर सत्यापन जाब कार्ड जाँच करते आम ग्रामीणों ने नहीं देखा है ना किसी को जानकारी है
क्या कहते है डी.एस.ए.एफ. किरण प्रधान – ऑडिट एक प्रक्रिया है पंचायत मे हुए कार्यों का निरिक्षण करने के लिए हम किसी को भी भेज सकते है और खुद ऑफिस मे उपस्थित होना बताय इसके साथ मनरेगा मे हुए कार्यों का ऑडिट के पश्चात ग्राम सभा को सबसे ज़्यदा महत्वपूर्ण होना बताते हुए बोला गया
अब सब कुछ साफ है की सामाजिक अंकेछण कार्य हेतु पत्रक्रमांक/23/जि.प/सा.अ/पत्रचार/2023-24 जिला पंचायत रायगढ़ से स्पस्ट उल्लेखित किया गया है की एक पंचायत का सामाजिक अंकेछण कार्य हेतु छः दिवस का समय अवधि होना बताया गया पर जमीनी स्तर मे ऑडिट अधिकारी प्रधान द्वारा एक दिवस मे ऑडिट की प्रक्रिया को एक दिन मे समेटने की बात बोला जा रहा है
इसमें साफ एक आइना की तरह दिखाई दे रहा है की ऑडिटर अपने पद का गलत उपयोग कर अपना जेब गर्म करने मे लगे है ll