वन अधिकार पट्टा को लेकर अवैध वसूली का आरोप

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एसडीएम ऑफिस घरघोड़ा में कार्यरत रिटायर्ड शिक्षक का कारनामा आया सामने

घरघोड़ा। घरघोड़ा अनुविभाग में भूमि अधिग्रहण प्रभावित 14 गांवों की भूमि के अवैध ख़रीदी-बिक्री, अवैध निर्माण और नियमविरुद्ध डायवर्सन से संबंधित खबरों की लगातार सुर्खियों में रहने के बाद एसडीएम कार्यालय घरघोड़ा से संबंधित एक और मामला सामने निकल कर आ रहा है। इस बार मामला वन अधिकार पट्टा से जुड़ा हुआ है। आज कुछ हितग्राहियों ने सामने आकर एसडीएम कार्यालय घरघोड़ा में बाबूगिरी करने वाले एक रिटायर्ड शिक्षक द्वारा वन अधिकार पट्टा के नाम पर खेले जा रहे अवैध वसूली के खेल का पर्दाफाश किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व घरघोड़ा एसडीएम अशोक मार्बल द्वारा वन अधिकार पट्टा के कार्यों के लिए एक शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई थी। पर हैरानी की बात यह है कि अपनी सेवानिवृत्ति के 1 वर्ष बाद भी अब तक उक्त शिक्षक रोज कार्यालय में बैठकर बाबूगिरी कर रहा है। लेकिन यह नया मामला सामने आने के बाद अब समझ में आ रहा है कि रिटायर होने के बाद घर में सुकून की जिंदगी बिताने के बजाए रोज कार्यालय में बैठकर कलम घिसने के पीछे की असल वजह क्या है ?

कुछ सूत्रों ने यह भी बताया कि पूर्व एसडीएम के कार्यकाल के दौरान हुई गड़बड़ियों पर पर्दा डालने के उद्देश्य से भू अर्जन प्रकरण के फाइलों को ठिकाने लगाने तथा उनमें काट छांट कर लीपापोती करने का काम भी उक्त रिटायर शिक्षक द्वारा किया जा रहा है।

दूसरी ओर यह भी हैरान करने वाली बात है कि नए एसडीएम डिगेश पटेल के घरघोड़ा में पदस्थ होने के बाद लगातार पूर्व में हुए कई फर्जीवाड़ों की जानकारियां सामने निकल कर आईं,  जिस पर जिला कलक्टर ने जांच के निर्देश भी दिए। लेकिन अपनी पदस्थापना के 3 महीने बाद भी अपनी नाक के नीचे चल रहे इस कारनामे की भनक एसडीएम पटेल को अब तक कैसे नहीं लगी ?

यह सवाल उठना भी लाजमी है कि बगैर किसी विभागीय आदेश अथवा अनुमति के एक सेवानिवृत्त शिक्षक को अब तक क्यों शासकीय कार्य कराया जा रहा है ? अब यह मामला सामने आने के बाद आगे यह देखना बाकी है कि एसडीएम पटेल उक्त सेवानिवृत्त शिक्षक की अपने कार्यालय से छुट्टी करते हैं या फिर पूर्व एसडीएम मार्बल की तरह ही इन पर मेहरबान रहते हैं ?



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