

चौथे स्तंभ से निवेदन है कि घटना के दूसरे पक्ष को जानकर सही चीज़े ही प्रकाशित करें…


सारंगढ़/ कोसिर… राजनीतिक जीवन की चकाचौंध के पीछे एक काला स्याह सच ये भी है कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धी बिना किसी वजह के भी अपने साथ खड़े लोगों के दामन को दागदार करने में लगे रहते हैं।
नवगठित जिला सारंगढ़ बिलाई गढ़ की सत्तारून पार्टी (कांग्रेस) में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। कांग्रेस के पूर्व दिग्गज और वर्तमान सक्रिय राजनीतिज्ञों के बीच जबरदस्त खींचतान मची हुई है।

जिसका दुष्परिणाम यह हो रहा है कि पार्टी से जुड़े और दो धड़ों में बंटे लोग एक दूसरे पर बिना आधार आरोप प्रत्यारोप करने लगे हैं।
इसी तारतम्य में विगत दिनों कुछ स्थानीय समाचार पत्रों और वेब न्यूज में एक खबर प्रकाशित हुई थी,जिसमे यह लिखा गया था कि कांग्रेसी नेता नंद राम लहरे ने सी सी रोड निर्माण में दो लाख रु की धोखाधड़ी की है इस संबंध में ग्राम पंचायत दुर्गापाली के सरपंच और सचिव ने सरायपाली थाने में श्री लहरे और महावीर ट्रेडर्स के नाम लिखित शिकायत की है।।
इस हेडिंग से प्रकाशित खबरों का एक दूसरा पहलू भी जिस पर स्थानीय खबरों नवीसों की नजर नहीं पड़ी। उक्त विषय में पड़ताल के पश्चात जो जानकारी सामने आई वह आश्चर्यजनक है। इसे जानकर यह स्पष्ट हो गया कि सी सी रोड निर्माण में दो लाख रु के कथित गबन की बात और कांग्रेस नेता नंद राम पर लगाए। गए आरोप फर्जी हैं।

घटना के पीछे की वास्तविकता कुछ और ही है। जिसके अनुसार ग्राम पंचायत दुर्गापली के सरपंच श्याम सुंदर सारथी और सचिव लखपति साहु ने अपनी लापरवाही और गैर जिम्मेदारियों को छुपाने के लिहाज से इस घटना क्रम की वास्तविकता को छुपाते हुए अपने लाभ के लिए एक पक्षीय खबरें प्रकाशित करवाई हैं।
इस मामले को लेकर लोकप्रिय कांग्रेसी नेता नंद राम लहरे का कहना है कि यह सब कुछ जो आप देख पढ़ रहे है,यह गन्दी प्रतिस्पर्धा का नमूना है। पार्टी में रहकर पार्टी विरोधी काम करने वाले विघ्नसन्तोषियों ने मुझे बदनाम करने के लिहाज से इस तरह की झूठी कहानी और शिकायत का षडयंत्र रचा है। कुछ समय बाद ही सच्चाई खुलकर आप सबके सामने आ जाएगी।।
फिलहाल उक्त मामले में एकपक्ष के प्रभाव में आकर खबर प्रकाशन करने वाले मेरे सम्मानीय पत्रकार साथियों से मेरा विनम्र निवेदन है कि खबरों की सच्चाई जाने बगैर किसी के व्यक्ति गत लाभ के लिए किसी निर्दोष की चरित्र हत्या करने से बचें। साथ ही इस प्रकरण में मेरे पास उपलब्ध प्रमाणों का अवलोकन कर उसे भी अपने समाचार पत्रों या वेब न्यूज में निस्पक्षता से प्रकाशित करें। सड़क मामले की वास्तविकता यह है कि ग्राम पंचायत दुर्गापाली के सरपंच श्याम सुंदर और सचित्व लखपति को अपने गांव और गदहा भांटा में बार खनन हेतु ५_५ लाख रु की राशि माननीय सांसद महोदया के निर्देश पर प्राप्त हुई थी। उक्त कार्य को तय समय सीमा में पूरा किया जाना था। परंतु लम्बा समय निकल जाने के बाद भी जब कार्य प्रांरभ नही किए जाने की जानकारी मिलने पर पुनः सांसद महोदया के निर्देश पर राशि का मद परिवर्तित कर 10 लाख रु को ग्राम कापुडीह में सी सी रोड निर्माण हेतु देना निर्देशित कर दिया था।
जिसके बाद ग्राम कोसिर में स्थिति महावीर ट्रेडर्स से उक्त सरपंच और सचिव ने 305 रु की दर से करीब 1000 बोरा सीमेंट 3 लाख रु में खरीदा तो जरूर,परंतु पुनः गंभीर लापरवाही बरतते हुए निर्धारित समयावधि में सड़क का काम प्रारंभ नही किया। जिसकी जानकारी मिलने पर सांसद महोदया ने नाराज होकर कलेक्टर महासमुंद को पत्र लिखकर उक्त कार्य निरस्त कर खर्च की गई राशि 3 लाख रु(जो सांसद मद से प्राप्त हुई थी) को वापस करने का निर्देश दिया।
इस बात से खिन्न होकर लापरवाह और गैरजिम्मेदार सरपंच एवं सचिव ने तीन लाख रुपए वापस हासिल करने की नियत से कांग्रेस नेता नंद राम लहरे पर दबाव बनाने लगे। उन्होंने इस विषय को लेकर श्री लहरे और उनके भतीजे महावीर को धमकी भी दी। उनके दबाव में न आता देख सरपंच दुर्गापाली ने सोची समझी साजिश के तहत थाना सरायपाली में झूठा आरोप लगाते हुए श्री लहरे और महावीर के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दी है। जिसे आधार बनाते हुए कुछ समाचार पत्रों और वेब न्यूज के पत्रकारों ने समाचार प्रकाशित किया है।
इधर सरायपाली थाने में अपने पति और भतीजे के विरुद्ध झूठी शिकायत किए जाने की जानकारी मिलने पर घटना क्रम की पूरी सच्चाई(दस्तावेजी प्रमाणों के साथ) सामने लाते हुए, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती वैजयंती नंद राम लहरे ने भी पुलिस अधीक्षक सारंगढ़ के अलावा अन्य विभागीय अधिकारियों को शिकायत पत्र लिखकर ग्राम पंचायत दुर्गापाली के लापरवाह और बेईमान सरपंच श्याम सुंदर सारथी और सचिव लखपति साहु के विरुद्ध जांच उपरांत उचित कार्यवाही किए जाने का निवेदन किया है।
इस संबंध में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती लहरे ने बताया कि झूठा आरोप लगाकर किसी की चरित्र हत्या करने के प्रयास मात्र से सच्चाई छिप नहीं जाती। सीधी सी बात है कि क्षेत्रीय विकास कार्यों हेतु सांसद मद से प्राप्त राशि का उपयोग निर्धारित समयावधि में कार्य प्रारंभ कर संपन्न करना जरूरी होता है। ऐसा नहीं किए जाने पर सांसद गणों को आबंटित राशि को दूसरे कार्य के लिए परिवर्तित कर सकने का अधिकार है। उक्त घटना क्रम में भी आदरणीय सांसद महोदया ने भी यही किया है,ताकि सरकार की तरफ से सांसद मद में दी जाने वाली राशि का दुरुपयोग न हो। उन्होंने अपने पत्र में कार्य परिवर्तित करने और आबंटित राशि वापस जमा कराने का निर्देश दिया है। इसमें श्री लहरे के द्वारा गबन करने और उनके खिलाफ झूठे शिकायत करने की बात कहां से आ गई यह किसी ने विचार नही किया,जो दु:खद है। जबकि सच्चाई तो यह है कि संबंधित कार्य के लिए सांसद मद से पांच लाख रु की आहरित की गई थी,जिसमें से तीन लाख रु का सीमेंट खरीदा गया और दो लाख रु को सपरंच और सचिव ने सी सी रोड का काम किए बिना ही अपनी सुविधा और लाभ के लिए से अन्य काम में खर्च कर दिया। जो कि गंभीर जांच का विषय है। मुझे हमारी न्यायायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है,आप देखिएगा मेरी प्रमाणित लिखित शिकायत पर दोषी और लापरवाह सरपंच सचिव ग्राम पंचायत दुर्गापाली के विरुद्ध उचित कार्यवाही अवश्य होगी।
