हारे हुए लोगो में उम्मीद के साथ हिम्मत देती है, चिकित्सक की भूमिका भी निभाती नर्सें उनके योगदान के लिए सेल्यूट :- शिशु सिन्हा – अध्यक्ष नगर पंचायत घरघोड़ा
फ्रेंडली रहकर परिवार की तरह काम करके अच्छा लगता है कभी कभी बड़े होने का फर्ज के साथ डांटना समझना सलाह देना लेना अच्छा लगता है : – डॉ एसआर पैंकरा – बीएमओ घरघोड़ा)
हमेशा मिलजुल कर टीम वर्क के साथ काम करते है सिस्टर्स का सेवाभाव सबसे अलग होता है कॉरोना महामारी में साथ काम कर रही सिस्टर्स को सलाम है :- डॉ विकाश शर्म- घरघोड़ा )
नर्सिंग का शाब्दिक अर्थ चाहे जो हो, परंतु इस शब्द को सुनकर मन में भाव सेवा और समर्पण का ही आता है। संपूर्ण विश्व इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि नर्सिंग आज की स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ की हड्डी साबित हुई है। अभी तक जहां डॉक्टर हमारी स्वास्थ्य प्रणाली में केंद्र की भूमिका में रहे हैं वहीं नर्सों ने आज के इस वैश्विक महामारी में कंधे से कंधा मिलाकर हमारी स्वास्थ्य सेवाओं को अतुलनीय योगदान दे रही है ।
कोरोना महामारी के प्रथम चरण में जहां स्थिति गंभीर से भयावह हुई, वहीं अब यह युद्ध स्तर तक जा पहुंची है। ऐसे में भारत के एक प्रसिद्ध संवाद लेखक के शब्दों में कहें तो सरहद पर जो वर्दी खाकी थी अब उसका रंग सफेद हुआ। ये पंक्तियां इस बात को स्पष्ट करती हैं कि कैसे हमारे सभी स्वास्थ्य कर्मी कोरोना योद्धा बन चुके हैं। इसमें नर्सिंग का योगदान अतुलनीय है। मौजूदा दौर में कोरोना संक्रमण से लड़ने में नर्सों ने बढ़-चढ़कर अपनी आहुति भी दी है।
इंटरनेशनल काउंसल ऑफ नर्सेज के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की मानें तो विश्वभर में लगभग 1500 नर्सों ने अपने जीवन की आहुति दी है, वहीं भारत में यह संख्या दो सौ से ऊपर के करीब है। जीवन जीने के लिए खाने और पानी के अतिरिक्त जो सबसे ज्यादा आवश्यक वस्तु है वह है उम्मीद।
नर्सें न केवल हिम्मत हार चुके व्यक्ति की उम्मीद बढ़ाती हैं, बल्कि उसमें हिम्मत का संचार भी करती हैं। डॉक्टर मरीज को उचित दवा तो लिख देते हैं, पर सही प्रक्रिया का पालन करते हुए मरीज को दवा देना महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। ये नर्सें ही होती हैं, जो मरीज के पास सबसे ज्यादा समय बिताती हैं। कोरोना काल में तो नर्सें कई बार चिकित्सक के पूरक के रूप में भी नजर आती हैं।
डॉक्टर्स समय-समय पर चैक करने के लिए आते थे लेकिन सिस्टर्स हमेशा मरीज की सेवा करती है वह हमेशा ऐसे व्यवहार करती है जैसे ब्यक्ति कोई मरीज न होकर उनके परिवार का सदस्य होता है
घरघोड़ा की नर्सिंग स्टाफ के सभी मे अपनापन के भाव के मरीज को स्वस्थ करने में दवा का काम करता है डॉक्टर और मरीज की बीच की कड़ी है नर्सिंग स्टाफ जो एक दोनों को एक दूसरे से जोड़कर मरीज को स्वस्थ रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
एक तरफ पुष्पलता नायर , सरिता साहू , पंकजनी गुप्ता कॉरोना टीकाकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है तो वही अन्य मरीजों के सेवा में गीता चौधरी , गीता ठाकुर , मेनका आनंद , भावना , कविता , आरती , ममता , राधिका , वीना गुप्ता , नमिता , हिमराज साबला ओपीडी में अपने दायित्व का निर्वहन कर रही है।