डेस्क खबर खुलेआम
सत्ता के इशारे पर नगर पंचायत अधिकारी है मौन दे रहे है संरक्षण
घरघोड़ा नगर पंचायत क्षेत्र के निवासियों का दुर्भाग्य कहे है अधिकारी के साथ जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता जिनको नगर पंचायत की दुर्दशा दिखाई नही देती है भ्रस्टाचार को लेकर सिर्फ अपनी डफली अपना रंग करती रही है । एक तरफ पूरे प्रदेश में आदर्श अचार संहिता लागू हो चुकी है सारे अधिकारी कर्मचारी चुनाव आयोग के निचे आ चुके है निर्वाचन आयोग सख्त है छत्तीसगढ़ के दो कलेक्टर तीन एसपी को अचार संहिता लगने के दो दिनों के भीतर उन्हें पद से हटाने का फरमान जारी कर देती है उसके बाद भी नप में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस पार्टी के स्थानीय नेता को नगर पंचायत में समस्या के निराकरण के लिए प्रभारी नियुक्त किया जाता है व बकायदा नप कार्यलय से एक टोल फ्री नम्बर जारी करने का पम्पलेट जारी किया जाता है
जिसमे अध्यक्ष के साथ स्थानीय विधायक की फोटो लगी रहती है जबकि अचार संहिता लागू हो चुकी है ऐसे कृत्य कही ना कही चुनाव आयोग के निर्देशों के विपरीत है ऐसे में नगर पंचायत अधिकारी के भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है की कही न कही पार्टी विशेष को समर्थन करने की बात हो रही है , लगता है नगर पंचायत अधिकारी अपने कर्तब्यों को भुलाकर अपनी मौन सहमति दे रहे है
कार्यलय का उपयोग एक पार्टी विशेष के लिये खुली छूट दे रहे है ऐसे में देखना होगा कि ऐसे पार्टी समर्थित निष्क्रिय अधिकारी पर चुनाव आयोग का डंडा चलता है या फिर चुनाव आयोग भी देख के अनदेखा करती है । प्रदेश और जिला स्तर की बड़ी पहचान वाले भाजपा के बड़े नेताओं को मुद्दा मिलने के बाद भी बोलने को तैयार नही दिख रहे हैं घरघोड़ा भाजपा के बड़े नेताओं के द्वारा कांग्रेस के साथ अच्छे से भाईचारा निभा रही है मिलभगत के साथ एक रोटी में मिल बांट के खा लेंगे वाली बात घरघोड़ा कांग्रेस भाजपा में दिखाई देती है । नगर पंचायत अधिकारी के कारगुजारियों पर परदा डालने का काम बखूबी निभा रहे है ।