जहां लगा रहे 300 पौधे, उसी परिसर में उड़ेल दिया राख,स्कूल परिसर में फ्लाई ऐश निस्तारण का मामला

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
IMG 20230430 WA0251

शासन प्रसासन के नाक के नीचे सैकड़ों टन अवैध फ्लाईएस डंप किये जाने को लेकर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई जबकि यह उद्योग से निकले मलबे मानव जीवन से लेकर प्रकृति भूमि जीव जंतु सभी के लिए धीमी जहर साबित हो रहा है।इसके बावजूद शासकीय भूमि के स्कूल परिसर पर यह अवैध कार्य बदस्तूर किया जा रहा है वहीं फ्लाईएस का अवैध डंपिंग बात करें तो डंपिंग के प्रति टन पर 1500 रुपये का जुर्माना लगाया जाना है लेकिन फिलहाल इस मामले को लेकर किसी भी तरह की कार्यवाही नही के जा रही है जिससे क्षेत्र में आक्रोश है।वहीं छाल

IMG 20230430 WA0250

के स्कूल परिसर में सैकड़ों टन फ्लाई ऐश की अवैध डंपिंग किए जाने के मामले सामने आया है आपको बता दें कि छाल के हायर सेकंडरी स्कूल परिसर, जिसके भीतर हाई स्कूल भवन भी स्थित है, उसमें सैकड़ों टन फ्लाई ऐश अवैध रूप से डंप किया गया है। अब इस मामले से

जुड़ी एक और जानकारी प्राप्त हुई है। वह यह कि जिस परिसर में राख की अवैध डंपिंग की गई है उसी परिसर में स्थित हाई स्कूल में 300 पौधे लगाए जाने हैं। मनरेगा योजना के तहत हाई स्कूल परिसर में 300 पौधे लगाए जाने की स्वीकृति मिल चुकी है, रोजगार सहायक से मिलीजानकारी अनुसार कुछ फील्ड वर्क भी हुआ है। जिसका मस्टररोल भी पुट अप किया जा चुका है, यह आश्चर्यजनक है कि जिस स्कूल परिसर में लाखों रुपए की लागत से पौधे लगाए जाने का काम शुरू हो गया है उसी परिसर में मिली जानकारी अनुसार भूपदेवपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत एस के एस उद्योग से निकले कई टन राख को डाला जाता रहा और जिम्मेदार मौन साधे रहे। यहां गजब की उलटबांसी यह देखने को मिली जिसमें एक ओर लाखों रुपये के पौधरोपण का काम चल रहा है जो सीधे प्रकृति के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान है तो दूसरी ओर उसी स्कूल बाउंड्री में गड्ढों को पाटने के नाम पर सैकड़ों टन राख उड़ेला जा रहा है।इस पूरे मामले में धरमजयगढ़ एसडीएम डिगेश पटेल ने कहा है कि छाल में फ्लाई ऐश डंप करने की कोई अनुमति नहीं दी गई है।वहीं संबंधित ठेकेदार के एक कर्मचारी ने कहा कि अनुमति ली गई है, ग्राम सरपंच ने भी यही बात कही कि प्रशासन से अनुमति ली गई है लेकिन कथित अनुमति से संबंधित दस्तावेज साझा करने की बात पर उन्होंने हामी तो भरी पर बार बार अनुरोध के बावजूद कथित दस्तावेज की कापी साझा नहीं किया। शायद यह एक ही स्कूल परिसर में प्रकृति के विकास और प्रकृति को गंभीर रूप से प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले दो अलग अलग कार्यों के साथ साथ चलने का बेहद आश्चर्यजनक उदाहरण है।

IMG 20230430 WA0252

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment